संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने सरकार को दी विरोध प्रदर्शन की चेतावनी, मांग पूरी न होने पर 2 अक्टूबर को करेंगे जल सत्याग्रह

Sep 29, 2024 - 23:19
Sep 29, 2024 - 23:19
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संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने सरकार को दी विरोध प्रदर्शन की चेतावनी, मांग पूरी न होने पर 2 अक्टूबर को करेंगे जल सत्याग्रह

भोपाल (आरएनआई) एनएचएम संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ पिछले कई वर्षों से अपनी मांगों के सर्मथन में शासन स्तर पर कई बार मंत्रियों एवं विधायकों एवं वरिष्ठ अधिकारीयों से निवेदन किया। लेकिन   आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए शासन द्वारा कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई। न ही उनकी मांगों पर कोई भी विचार किया जा रहा है। अब एनएचएम के संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने शासन को विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

विभिन्न शासकीय अस्पतालों में 12000 से अधिक कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारी  शासन-प्रशासन की दोहरी नीति के खिलाफ और अपनी मांगों पर को लेकर 2 अक्टूबर 2024 को श्यामला हिल्स के पास शीतल दास की बगिया घाट पर इकट्ठा होंगे। करीब 11 बजे से गांधीवादी तरीके से जलसत्याग्रह करेंगे।

कर्मचारियों ने की वेतन वृद्धि और नई नीति बनाने की मांग 
विगत कई वर्षों से आउटसोर्स कर्मचारी के रूप में सेवाएं दे रहे सपोर्ट स्टाफ डाटा, एंट्री ऑपरेटर, वार्ड आया, वार्ड बॉय, सफाई कर्मी, सिक्योरिटी गार्ड, (चौकीदार) ऑक्सीजन टेक्नीशियन, अन्य सभी आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाने और उन्हें न्यूनतम 21,000 रुपये वेतन प्रदान करने की मांग स्वास्थ्य कर्मी सरकार से काफी लंबे समय से कर रहे हैं।” दरअसल, आउटसोर्स कर्मचारी के लिए शासन द्वारा 16132 रुपए प्रतिमाह अनुसार बजट दिया जाता है। लेकिन अधिकारियों एवं आउटसोर्स कंपनियों की कमीशन खीरी के वजह से पिछले वर्षों से मात्रा 5500 से 9000 रूपये तक दिए जा रहे है। जिससे आउटसोर्स कर्मचारी की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है। इतना ही नहीं प्रदेश के कई जिलों में 3 से 4 माह से वेतन भुगतान नहीं किया गया है।

कर्मचारियों की अन्य मांग
नेशनल हेल्थ मिशन के अधीन विगत कई वर्षों तक संविदा कर्मचारियों के रूप में सेवाएं दे चुके संविदा सपोर्ट स्टाफ कर्मचारियों को शासन की दोहरी नीति के कारण आउटसोर्स ठेका प्रथा में शामिल किए कर्मचारियों विभाग में समक्ष रिक्त पदों पर नियमित किया जाए।
संघ द्वारा पत्रों के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षित कराया गया। इतने बड़े की घोटाले की जांच किसी उपयुक्त एजेंसी से सभी जिला हेडक्वार्टर पर जाकर जांच करवाई जाए।
अधिकारियों एवं आउटसोर्स एजेंसियों द्वारा करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया जा रहा है। उस पर रोक लगाई जाए।
विभाग में विगत कई वर्षों से चतुर्थ श्रेणी ( (जैसे वार्ड बॉय, चौकीदार, वायरमैन, माली, कुली, आया, दाई, भत्य एवं डाटा एंट्री ऑपरेटर/निम्न श्रेणी लिपिक) के हजारों पद रिक्त हैं। इन रिक्त पदों पर आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित किया जाए।

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