संयुक्त जिला गुना एवं अशोकनगर साहित्यकार मिलन कार्यक्रम
गुना (आरएनआई) अखिल भारतीय साहित्य परिषद इकाई गुना एवं अशोकनगर के तत्वाधान में भव्य संयुक्त जिला साहित्यकार सम्मेलन दो सत्रों में सम्पन्न हुआ। स्थानीय मॉडर्न चिल्ड्रन स्कूल में सम्पन्न हुए साहित्यकार मिलन समारोह मुख्य अतिथि डॉ. गजेंद्र श्रीवास्तव अध्यक्ष मध्य प्रदेश, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एवं अपराध नियंत्रण, विशिष्ट अतिथि डॉ. श्वेता अरोरा निदेशक मॉडर्न चिल्ड्रन स्कूल एवं समाजसेवी एवं मुख्य वक्ता डॉ. रमा सिंह प्रांतीय उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय साहित्य परिषद मध्य भारत प्रान्त की उपस्थिति में माँ सरस्वती और भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन के साथ प्रारंभ हुआ। जिला गुना इकाई के अध्यक्ष ऋषिकेश भार्गव ने बताया चि. विरलेय सिसोदिया ने परिषद गीत प्रस्तुत किया इसके बाद अशोकनगर इकाई के अध्यक्ष सुधीर गुप्ता ने स्वागत भाषण दिया।
उसके पश्चात सदन में उपस्थित विभाग प्रचारक भाईसाहब नितिन जी अग्रवाल की गरिमामयी उपस्थिति साथ ही सुधि श्रोता, साहित्यकारों, समाजसेवियों शहर के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में कवि गोविंद राव मोरे की पुस्तक सीताराम नाम जप : चालीसा का विमोचन मंचस्थ अतिथियों द्वारा किया गया।
इसके पश्चात गुना इकाई अध्यक्ष ऋषिकेश भार्गव ने विषय प्रवर्तन के अंतर्गत संगोष्ठी के पटल पर विषय लोक देवता को रखते हुए कहा कि केंद्रीय इकाई के निर्देशानुसार हमारी भारतीय लोक संस्कृति, लोक रीति, लोक देवता, लोक यात्रा आदि पर इस सत्र में साहित्यकारों द्वारा साहित्य सृजन कर भारत को गौरवशाली बनाना उद्देश्य है।
मुख्य वक्ता डॉ. रमा सिंह विषयानुरूप हरदौल जी का विस्तृत विवरण पटल पर रखा।
विशिष्ट अतिथि डॉ. श्वेता अरोरा ने परिषद के द्वारा शहर में की जा रही साहित्यिक गतिविधियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। मुख्य अतिथि डॉ. गजेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि साहित्य परिषद इकाई गुना साहित्य सृजन से राष्ट्र निर्माण और राष्ट्रीय एकता के लिए सदैव अग्रसर है। साहित्य समाज का दर्पण होता है इसे गुना इकाई चरितार्थ कर रही है।
कार्यक्रम के अंत में गुना इकाई की महामंत्री सुश्री प्रीति गुप्ता ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का सफल संचालन अशोकनगर से आये कवि महेश श्रीवास्तव ने किया।वन्दे मातरम के गायन के साथ प्रथम सत्र का समापन। स्वल्पाहार के बाद द्वितीय सत्र का शुभारंभ हुआ। इस सत्र में कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ। गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि विष्णु साथी, मुख्य अतिथि दिनेश बिरथरे, विशिष्ट अतिथि द्वय डॉ. अशोक गोयल व भाग चंद जैन ने किया।
कवि गोष्ठी में गुना और गुना की विभिन्न तहसीलों आरोन, राघोगढ़, एनएफएल व जिला अशोकनगर से आये लगभग 31 कवि व साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं की उत्कृष्ट रचना पाठ किया।
गोष्ठी का कुशल संचालन करते हुए प्रेम सिंह प्रेम ने बताया कि कविता पाठ करने वाले कवियों में अशोकनगर से महेश श्रीवास्तव, भागचंद जैन, सुधीर गुप्ता, दूधनाथ मधुकर, मनोज श्रीवास्तव, गोविंद राव मोरे, उर्मिला कटारिया, लक्ष्मीनारायण सोनी, प्रियकांत माथुर, संतोष तिवारी व कुमार सोनू गुना से विष्णु साथी, दिनेश बिरथरे, डॉ. रमा सिंह, डॉ.अशोक गोयल, प्रेम सिंह प्रेम, डॉ. लक्ष्मीनारायण बुनकर, ऋषिकेश भार्गव, सुरेंद्र शर्मा, नरेंद्र भार्गव पद्म, धरवीर भारती, बाबू खां निडर, हरीश सोनी, शंकरराव मोरे, उमाशंकर भार्गव, प्रमोद भार्गव, रवि बंजारा, राकेश चतुर्वेदी राज, विनोद तिवारी, रामजीवन भार्गव, कीर्ति मोरोलिया, ने कविता पाठ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम में शहर के सम्माननीय आनंद कृष्णानी, भरत पालीवाल, राधेश्याम गौर, जितेंद्र ब्रह्मभट्ट, शशिकांत पेंढारकर, जे.पी.शर्मा, रेखा खरे, अलका भार्गव, प्रीति गुप्ता, जयश्री बोहरे,वंदना कटारिया, मनोज शर्मा, अभिनव मोरे पत्रकार, कुलदीप शर्मा, रंगेश श्रीवास्तव, अतुल श्रीवास्तव, जगदीश श्रीवास्तव, असीम भटनागर, राजेन्द्र कुमार भार्गव, विरलेय सिसोदिया, देवेंद्र उपाध्याय, अविनाश सिसोदिया, मंगल सिंह सिसोदिया ने उपस्थित रहकर कवि गोष्ठी का आनंद लिया। गोष्ठी के अंत में आभार जितेंद्र ब्रह्मभट्ट ने व्यक्त किया।
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