संभल में हुई जामा मस्जिद की सर्वे टीम पर पत्थरबाजी, बोले SP उकसाने वालों पर होगी कठोर कार्रवाई, सर्वे होगा पूरा
उत्तरप्रदेश (आरएनआई) उत्तर प्रदेश के संभल से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है, जब यहां जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची सर्वे टीम पर मौजूद हजारों की संख्या में भीड़ ने पत्थर से हमला कर दिया। इस दौरान पुलिस अधिकारियों पर पत्थर के अलावा जूते-चप्पल भी फेंके गए। इससे यहां पर हिंसा की स्थिति उत्पन्न हो गई है। आसपास का इलाका तनावग्रस्त हो गया। लोगों में सनसनी फैल गई। पुलिस ने जब इन्हें रोकना चाहा तो बाइक, कार और दुकानों में आग लगाई गई। करीब 4 घंटे तक यह सिलसिला जारी रहा। फिलहाल, मौके पर तैनात पुलिस की टीम ने मोर्चा संभाल लिया है, लेकिन पत्थरबाजी की घटना से हालात बेकाबू हो चुके हैं। साथ ही SP द्वारा हिंसा के लिए उकसाने पर कठोर कार्रवाई की बात कही गई है।
दरअसल, मामला रविवार सुबह करीब 7:30 बजे का है, जब सर्वे टीम जामा मस्जिद के अंदर दाखिल हुई। लेकिन अचानक 1 घंटे बाद यहां पर हिंसा भड़क उठी। इस दौरान एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई, डीएम डॉ राजेंद्र पेंसिया, डीआईजी मुरादाबाद मुनिराज और एडीजी जोन बरेली रमित शर्मा ने मोर्चा संभालते हुए आंसू गैस के गोले छोड़े, ताकि आक्रोशित भीड़ पर काबू पाया जा सके।
SP ने दी ये जानकारी
SP कृष्ण कुमार के अनुसार, संबल हिंसा मामले में पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की है। दरअसल, जामा मस्जिद के परिसर के पास खड़ी उप-निरीक्षकों की कुछ गाड़ियों को आग लगा दी गई थी, लेकिन वर्तमान में कानून-व्यवस्था नियंत्रण में है। साथ ही हर जगह शांति और व्यवस्था कायम है। सर्वेक्षण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है।
सुरक्षा व्यवस्था किए गए कड़े
इस घटना के बाद पूरे शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़े कर दिए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात हैं, जो हर गतिविधियों पर अपनी कड़ी नजर बनाए हुए हैं। इसके अलावा, इंटरनेट पर शेयर होने वाली हर एक पोस्ट पर नजर रखी जा रही है, ताकि हिंसा ना भड़क उठे। बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को पुलिस की कड़ी निगरानी में जुम्मे की नमाज अदा की गई थी। वहीं, आज की हिंसा के बाद सुबह से शहर के हर एक चौक-चौराहे पर बेरिकेडिंग की व्यवस्था के साथ पीएसी व आरआरएफ जवानों को तैनात कर दिया गया है। इस घटना के बाद से ही पूरे शहर में डर का माहौल बना हुआ है।
छोड़े गए आंसू गैस के गोले
जिले की अदालत द्वारा जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने के आदेश दिए गए थे। जिसके तहत, बीते मंगलवार को एक बार सर्व किया गया था और आज एक बार फिर एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव अपनी पूरी दलबल के साथ मस्जिद पहुंचे। सुबह से इलाके में पुलिस टीम को देखकर लोगों में रोष उत्पन्न हो गया। इसके बाद भीड़ ने विरोध करना शुरू कर दिया, फिर वह पुलिस की टीम पर पत्थरबाजी करना शुरू कर दिए। स्थिति इतनी गंभीर हो गई की, भीड़ और पुलिस में जमकर धक्का-मुक्की भी हई। पुलिस अधिकारियों द्वारा लाख समझाने के बावजूद उन्होंने पथराव करना जारी रखा, तब भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए।
जानें पूरा मामला संभल जामा मस्जिद,
पूरा मामला मंदिर निर्माण के खंडन से जुड़ा है। याचिकाकर्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने मीडिया से जानकारी देते हुए बताया कि संभल में हरीहर मंदिर सभी की आस्था का केंद्र है। धार्मिक ग्रंथो में इस बात का जिक्र किया गया है कि यहां पर विष्णु भगवान के 10वें अवतार कल्कि का जन्म होना है, लेकिन 1529 में मुगल शासन के दौरान बाबर ने इस मंदिर को तोड़कर यहां पर मस्जिद बनवाने का प्रयास किया था। हालांकि, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इस क्षेत्र को संरक्षित रखा है। यहां हिंदू मंदिर के होने के बहुत सारे प्रमाण पाए गए हैं। इन्हें ध्यान में रखते हुए अदालत ने अपना फैसला सुनाया और एडवोकेट कमीशन गठित करने के निर्देश दिए थे। अदालत ने वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वे करवरकर इसकी रिपोर्ट 29 नवंबर तक पेश करने के भी आदेश दिए गए हैं।
सपा प्रवक्ता ने कही ये बात
इधर, अब मामला राजनीतिक तूल भी पकड़ रहा है। सपा के प्रवक्ता अमिक का एक बयान सामने आया है, जिसमें उनका कहना है कि संभल में उपचुनाव के नतीजे आने के एक दिन बाद ही यह हिंसा भड़की है। इसके लिए उन्होंने पुलिस को ही जिम्मेदार बताया है। साथ ही बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने अपना यह खेल शुरू कर दिया है, जो आम जनता और हमारे देश के लिए सही नहीं है।
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