संप्रग सरकार 12 लाख करोड़ रुपये के घोटालों में शामिल थी : अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि मोदी सरकार ने देश में भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए एक मजबूत नींव रखी है। उन्होंने दावा किया कि पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार 12 लाख करोड़ रुपये के ‘घोटालों’ में शामिल थी।
जम्मू, 23 जून 2023, (आरएनआई)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि मोदी सरकार ने देश में भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए एक मजबूत नींव रखी है। उन्होंने दावा किया कि पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार 12 लाख करोड़ रुपये के ‘घोटालों’ में शामिल थी।
जम्मू में एक जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने कांग्रेस के अलावा नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने सवाल किया कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के कारण 42 हजार लोगों की मौत की जिम्मेदारी कौन लेगा?
गृह मंत्री ने दावा किया कि 2019 में संविधान के अनुच्छेद-370 से जुड़े प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद एक नया जम्मू-कश्मीर आकार ले रहा है, जहां आतंकवादी गतिविधियों में 70 प्रतिशत की कमी आई है और पत्थरबाजी की घटनाएं लगभग समाप्त हो गई हैं।
उन्होंने कहा, “(नरेन्द्र) मोदी ने 12 लाख करोड़ रुपये के घोटालों में शामिल संप्रग सरकार की जगह ली। प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार-मुक्त भारत के लिए एक मजबूत नींव रखी है।”
शाह ने कहा, “तीन परिवारों ने जम्मू-कश्मीर पर दशकों तक मिलकर शासन किया, लेकिन अनुच्छेद-370 के कारण कोई विकास नहीं हुआ। आतंकवाद के कारण कम से कम 42 हजार लोगों की मौत हुई और वे कह रहे हैं कि हमें अनुच्छेद-370 को सुरक्षित रखना चाहिए था।”
गृह मंत्री ने कहा कि वह नेकां अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती से पूछना चाहेंगे कि इन 42 हजार लोगों की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है, क्योंकि तब वही लोग सत्ता में थे।
उन्होंने जोर देकर कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के शासन में आतंकवाद पर शिकंजा कसा गया। उनके नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर ने तरक्की के मार्ग पर अपना सफर शुरू किया है।”
शाह ने जम्मू में भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए केंद्र-शासित प्रदेश के अपने दो दिवसीय दौरे की शुरुआत की।
उन्होंने कहा, “मुखर्जी के बलिदान, प्रेरणा और संकल्प की वजह से ही आज जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 प्रभावी नहीं है और इस केंद्र-शासित प्रदेश को पूरी तरह से देश के साथ एकीकृत कर दिया गया है।”
शाह ने कहा, “मुखर्जी को पश्चिम बंगाल को भारत से जोड़ने का भी श्रेय दिया जाता है। उन्होंने ‘एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे’ अभियान की शुरुआत करने के लिए (1953 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल से) मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और जम्मू-कश्मीर पहुंच गए थे।”
गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर में बिना अनुमति के प्रवेश करने के लिए गिरफ्तार किए जाने के बाद मुखर्जी की हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद-370 के निरस्त होने के बाद मुखर्जी की आत्मा को शांति मिली होगी।
भीषण गर्मी के बावजूद रैली में बड़ी संख्या में शामिल होने के लिए लोगों की तारीफ करते हुए शाह ने कहा कि “मोदी सरकार के तहत एक नया जम्मू-कश्मीर आकार ले रहा है।”
एक आतंकवादी वारदात और उस पर महबूबा की प्रतिक्रिया का जिक्र करते हुए गृह मंत्री ने कहा, “मैं महबूबा और अब्दुल्ला को बताना चाहूंगा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नौ साल के शासन में (जम्मू-कश्मीर में) संप्रग की 10 साल की सरकार की तुलना में आतंकवादियों गतिविधियों में 70 फीसदी की कमी आई है।”
उन्होंने कहा, “संप्रग सरकार के 10 साल के शासन में (जम्मू-कश्मीर में) 7,327 आतंकवादी वारदातें दर्ज की गई थीं, जबकि राजग सरकार के नौ साल के शासन में यह आंकड़ा 2,350 रहा है।”
शाह ने कहा कि 2004 से 2014 तक जब केंद्र में कांग्रेस नीत संप्रग सत्ता में थी, तब जम्मू-कश्मीर में 2,056 नागरिक मारे गए थे, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार में यह संख्या महज 377 है।
उन्होंने दावा किया कि अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने के बाद अलगाववादियों द्वारा प्रायोजित बंद की संख्या घटकर 32 हो गई है, जबकि पत्थरबाजी की घटनाओं में 90 प्रतिशत की गिरावट आई है।
शाह ने कहा, “इससे पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति में सुधार हो रहा है और वंचित गुज्जरों और पहाड़ियों सहित समाज के सभी वर्गों को उनके अधिकार और न्याय मिल रहा है।”
गृह मंत्री ने पिछले महीने श्रीनगर में जी20 बैठक के सफल आयोजन के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और सुरक्षा बलों की सराहना की। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल इस आयोजन का विरोध करने में पाकिस्तान के साथ मिल गए।
शाह ने कहा कि बैठक के सफल आयोजन से यह संदेश देने में मदद मिली कि जम्मू-कश्मीर में हालात सुधरे हैं।
उन्होंने कहा, “2022 में केंद्र-शासित प्रदेश की यात्रा पर आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़कर 1.88 करोड़ हो गई, जो एक रिकॉर्ड है। तीन परिवारों के शासन के दौरान इस आंकड़े के 50 प्रतिशत पर्यटक भी यहां नहीं आते थे।”
शाह ने कहा कि 2014 के बाद से 28,000 युवाओं को पारदर्शी तरीके से सरकारी नौकरियां दी गई हैं, जबकि 51,000 को स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं और 70,000 अन्य को ‘मिशन यूथ’ से जोड़ा गया है।
गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को 28,400 करोड़ रुपये का औद्योगिक पैकेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिन युवाओं के हाथों में पहले पत्थर थे, वे अब लैपटॉप से लैस हो गए हैं और अपना भविष्य फिर से लिखने के साथ ही देश के भविष्य का भी ख्याल रख रहे हैं।
शाह ने कहा, “औद्योगिक नीति, औद्योगिक भूमि आवंटन नीति, निजी औद्योगिक संपत्ति विकास नीति, खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प एवं हथकरघा नीति, नयी फिल्म नीति और पर्यटन गृह आश्रय एवं खेल नीति की शुरुआत के बाद (जम्मू और कश्मीर में) निवेश बढ़ रहा है।”
गृह मंत्री ने बीस मिनट के अपने संबोधन में पंचायती राज संस्था के चुनावों के सफल आयोजन के बारे में भी बात की और कहा कि 32,000 पंच और सरपंच जम्मू-कश्मीर को प्रगति के पथ पर आगे ले जा रहे हैं।
रैली से पहले शाह ने जम्मू में कई परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया।
उन्होंने बताया, “आज, 84 करोड़ रुपये की तीन परियोजनाएं-बख्शी नगर में हड्डी और जोड़ों के अस्पताल, एक ग्रिड स्टेशन और डोगरा चौक से केसी चौक तक सड़क चौड़ीकरण से जुड़ी परियोजना-पूरी हो गई हैं, जबकि सांबा में एक केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला सहित 309 करोड़ रुपये की कई अन्य परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई है।”
शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आयुष्मान भारत योजना से 97 लाख लोग लाभान्वित हुए हैं, जो देश का एकमात्र हिस्सा है, जहां सभी नागरिक इसका लाभ पाने के हकदार हैं।
उन्होंने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन इस योजना पर रोजाना औसतन दो करोड़ रुपये खर्च कर रहा है।
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