संत शिरोमणि प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज का 33 वां द्विदिवसीय तिरोभाव महोत्सव धूमधाम से प्रारम्भ
वृन्दावन। वंशीवट क्षेत्र स्थित संकीर्तन भवन में श्रीसंकीर्तन भवन धार्मिक न्यास ट्रस्ट के द्वारा ठाकुर वंशीवट बिहारी गिरधारीलाल जू महाराज के पावन सानिध्य में ब्रह्मलीन संतप्रवर प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज का 33वां द्विदिवसीय तिरोभाव महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ प्रारम्भ हो गया है। महोत्सव का शुभारंभ महाराजश्री की प्रतिमा के पूजन अर्चन व उनके द्वारा रचित "श्रीभागवत चरित" पारायण के साथ हुआ। इस अवसर पर भक्तों-श्रृद्धालुओं को आशीर्वचन देते हुए प्रख्यात भागवताचार्य गोपाल भैया महाराज महाराज ने कहा कि हमारे सदगुरुदेव गौऋषि, संत शिरोमणि प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज परम निष्पृह व वीतरागी संत थे। उनके जीवन में ज्ञान व भक्ति का अद्भुत समन्वय था। महाराजश्री गौ भक्ति, विप्र भक्ति व संत भक्ति के प्रति प्रणम्य थे।
आचार्य विनय त्रिपाठी व आचार्य मंगेश दुबे ने कहा कि हमारे सदगुरुदेव संतप्रवर प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज सनातन वैदिक संस्कृति के परम उपासक, राष्ट्र हित चिन्तक व गौभक्त संत थे। उन्होंने धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज के साथ रहकर गौहत्या आन्दोलन का नेतृव किया था।
महोत्सव के मीडिया प्रभारी डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने बताया है कि इस द्विदिवसीय तिरोभाव महोत्सव के अंतर्गत 7 मार्च को प्रातः 8 बजे पूज्य सदगुरुदेव भगवान की प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक कर वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पूजन - अर्चन किया जाएगा। पूर्वाह्न 9:30 बजे से श्रीहनुमत आराधना मंडल (वृन्दावन) के द्वारा सुन्दर काण्ड का संगीतमय सामूहिक गायन होगा। तदोपरान्त संत - विद्वत संगोष्ठी एवं संतो, महंतो, भागवताचार्यों व रासाचार्यों आदि का सम्मान किया जाएगा। इसके अलावा प्रख्यात भजन गायकों द्वारा होली गायन के मध्य फूलों की होली खेली जाएगी। महोत्सव का समापन संत, विप्र, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा(भंडारे) के साथ होगा।
ज्ञात हो कि यह महोत्सव महाराज श्री द्वारा संस्थापित झूंसी (प्रयागराज) एवं नई दिल्ली स्थित संकीर्तन भवन में भी हो रहा है।
What's Your Reaction?