संतोष देशमुख हत्याकांड: सुले ने मांगा धनजंय मुंडे का इस्तीफा, बोलीं- 50 दिन बाद भी मंत्री पद से नहीं हटाया
बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि उनके करीबी सहयोगी को बीड़ सरपंच हत्या मामले में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुंडे के खिलाफ 'ऑफिस ऑफ प्रॉफिट' का मामला है।
मुंबई (आरएनआई) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने बुधवार को कहा कि बीड़ सरपंच हत्या मामले में घिरे महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे को नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, मसाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की जघन्य हत्या को पचास दिन बीत चुके हैं, लेकिन करीबी सहयोगी पर सवाल उठने के बावजूद मुंडे को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से नहीं हटाया गया। मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड को हत्या से जुड़े जबरन वसूली मामले में गिरफ्तार किया गया है।
संतोष देशमुख को 9 दिसंबर 2024 को अगवा किया गया। जिसके बाद उनके साथ मारपीट की। फिर उनकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरप्तार किया है।
सुले ने कहा, 'सौ करोड़ रुपये रिश्वत लेने के आरोप के बाद अनिल देशमुख ने गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। नवाब मलिक और छगन भुजबल को अफवाहों पर आधारित आरोपों के चलते गिरफ्तार किया गया और जेल भेजा गया।' अनिल देशमुख राकांपा (शरदचंद्र पवार) पार्टी से हैं। वहीं, भुजबल और मलिक अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा से हैं। धनंजय मुंडे भी अजित पवार की पार्टी से हैं।
बारामती से सांसद सुले ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन के नेताओं ने भी मुंडे के इस्तीफे की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा, अगर मैं मंत्री होती और मेरी पार्टी इस तरह 50 दिनों तक विवादों में घिरी होती, तो मैं नैतिक कारणों से इस्तीफा दे देती। मैं पार्टी से कहती कि मैं पार्टी की मदद करने आई हूं, न कि इसे इस तरह नुकसान पहुंचाने के लिए।
सुले ने यह भी कहा कि धनजंय मुंडे के खिलाफ 'ऑफिस ऑफ प्रॉफिट' का मामला भी है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुंडे और उनकी पत्नी ने दो कंपनियों में साझेदार थे , जिन्होंने महाजेन्को से एक ठेका हासिल किया था। यह ठेका राज्य के स्वामित्व वाली बिजली कंपनी महाजेन्को से था, जो उसके थर्मल पावर प्लांट से उत्पन्न फ्लाई ऐश को हटाने के लिए था। सुले ने यह भी याद दिलाया कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने ऑफिस ऑप प्रॉफिट के आरोपों के बाद तुरंत इस्तीफा दे दिया था, जबकि वह मंत्री भी नहीं थीं। 'ऑफिस ऑफ प्रॉफिट' एक कानूनी शब्द है, जिसका मतलब है कि कोई व्यक्ति किसी सरकारी पद पर रहते हुए निजी फायदा उठा रहा हो।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6X
What's Your Reaction?