संजय राउत बोले- शिवसेना और आरएसएस हिंदुत्व के एक सूत्र से बंधे हैं, लेकिन वैचारिक रूप से अलग हैं
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद भी राजनीतिक दलों की तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। वहीं महायुति नेताओं के आरएसएस के संस्थापक डॉ. के बी हेडगेवार के स्मारक पर जाने के बाद शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी है।
मुंबई (आरएनआई) शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने गुरुवार को कहा कि हालांकि आरएसएस और अविभाजित शिवसेना हिंदुत्व के एक सूत्र से बंधे हैं, लेकिन उनकी विचारधारा हमेशा अलग रही है। नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए संजय राउत ने कहा कि 1975 में शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे पर अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने का दबाव डाला गया था, लेकिन उन्होंने पार्टी की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए ऐसे प्रयासों को विफल कर दिया। उन्होंने कहा, 'शिवसेना और आरएसएस हिंदुत्व के एक सूत्र से बंधे हैं, लेकिन वैचारिक रूप से वे हमेशा अलग रहे हैं।'
शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सदस्य महाराष्ट्र के उप प्रमुख एकनाथ शिंदे द्वारा गुरुवार को नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक डॉ. के बी हेडगेवार के स्मारक पर किए गए दौरे के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे, जहां उन्होंने कहा कि संघ परिवार और शिवसेना की विचारधाराएं एक जैसी हैं। इस दौरान संजय राउत ने कहा कि शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना का भाजपा में विलय कर दिया जाना चाहिए। बता दें कि, साल 2019 तक शिवसेना (अविभाजित) के संघ परिवार के साथ अच्छे संबंध थे। हालांकि, 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद साझा करने को लेकर पार्टी ने भाजपा से नाता तोड़ लिया।
भाजपा नेता चित्रा वाघ ने गुरुवार को कहा कि अगर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार आरएसएस संस्थापक के स्मारक पर जाते हैं तो इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए, क्योंकि संघ ने महायुति के सभी सहयोगियों की जीत में योगदान दिया है।
गुरुवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री शिंदे, कई अन्य भाजपा और शिवसेना नेताओं के साथ-साथ कुछ एनसीपी विधायकों ने शहर में चल रहे विधानमंडल सत्र के दौरान नागपुर के रेशिमबाग में आरएसएस संस्थापक डॉ. केबी हेडगेवार के स्मारक का दौरा किया। स्मारक का दौरा करने के बाद एकनाथ शिंदे ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के योगदान को कोई भी नजरअंदाज नहीं कर सकता है और संघ परिवार तथा शिवसेना की विचारधाराएं एक जैसी हैं। अजित पवार स्मारक पर नहीं गए, हालांकि उनकी पार्टी के दो विधायक वहां गए थे।
हेडगेवार स्मारक के दौरे के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा एमएलसी चित्रा वाघ ने कहा कि अजित पवार समेत एनसीपी नेताओं के रेशमबाग जाने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'उन्होंने (आरएसएस) वास्तव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इतनी सीटें जीतने में आरएसएस के योगदान को कोई नकार नहीं सकता। आरएसएस ने न केवल भाजपा उम्मीदवारों को जीतने में मदद की, बल्कि विधानसभा चुनावों के दौरान अपने सहयोगियों के समर्थन में भी काम किया।' चित्रा वाघ ने यह भी कहा कि सकारात्मक विचारधाराओं को अपनाना महत्वपूर्ण है।
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