संजय राउत ने वाजपेयी को बताया दूसरा नेहरू, कहा- जब भी राजधर्म खतरे में होगा, उन्हें याद किया जाएगा
शिवसेना (यूबीटी) नेता ने बताया कि पंडित नेहरू ने वाजपेयी की सराहना करने के साथ उन्हें आशीर्वाद भी दिया था। उन्होंने कहा कि बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना संस्थापक) के मन में वाजपेयी के लिए बहुत सम्मान था।
मुंबई (आरएनआई) शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने दिवंगत भाजपा नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारतीय राजनीति का दूसरा नेहरू बताया। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जब भी राजधर्म खतरे में आएगा, वाजपेयी को याद किया जाएगा। बता दें कि बुधवार 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती मनाई जा रही है। शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि भले ही उनकी पार्टी भाजपा के साथ नहीं है, लेकिन इसके बावजूद वाजपेयी को हमेशा याद किया जाएगा।
संजय राउत ने कहा, वर्तमान समय में भाजपा पंडित जवाहर लाल नेहरू की विरासत क बदनाम कर रही है, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी दूसरे नेहरू थे। वे गैर कांग्रेसी पार्टी के नेहरू थे। उन्होंने आगे कहा, कट्टर हिंदित्ववादी होने के बावजूद वाजपेयी का मानना था कि देश सभी का है। वाजपेयी के नेतृत्व के दौरान लोगों का मानना था कि उनकी पार्टी भारत को एकजूत रखना चाहती है।
शिवसेना (यूबीटी) नेता ने बताया कि पंडित नेहरू ने वाजपेयी की सराहना करने के साथ उन्हें आशीर्वाद भी दिया था। उन्होंने कहा, बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना संस्थापक) के मन में वाजपेयी के लिए बहुत सम्मान था। वे उनकी बात को महत्व देते थे। जब भी राजधर्म खतरे में आएगा, वाजपेयी को याद किया जाएगा।
शिवसेना (यूबीटी) नेता से जब पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी स्थानीय निकाय चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ेगी? उन्होंने कहा, चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होने दीजिए। आपको पता चल जाएगा। लेकिन हमने तैयारियां शुरू कर दी है। बता दें कि उद्धव ठाकरे ने नेतृत्व वाली शिवसेना कांग्रेस और शरद पवार की राकांपा-एसपी के साथ विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) का घटक है।
पिछले महीने के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति (भाजपा, शिवसेना और राकांपा) ने 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें जीतीं, जबकि एमवीए केवल 46 सीटें ही जीतने में कामयाब रही।
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