श्रीलंका में मंत्रियों की मनमानी अब नहीं चलेगी, सुविधाओं में कटौती का एलान; राष्ट्रपति ने लगाई मुहर
श्रीलंका में मंत्रियों की सुविधाओं को लेकर राष्ट्रपति दिसानायके ने एक परिपत्र जारी किया। इसके तहत मंत्रियों को मिलने वाली कई सारी सुविधाओं में कटौती की जाएगी, और जिम्मेदारियों को बढ़ाया जाएगा।
कोलंबो (आरएनआई) श्रीलंका में पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को लेकर जारी विवाद के बीच राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने नया परिपत्र जारी किया है। इसके तहत श्रीलंकाई सरकार ने अपने मंत्रियों के लिए नए कड़े नियम बनाए हैं। इन नियमों का उद्देश्य मंत्रियों के लिए राजनीति में विशेषाधिकारों पर नियंत्रण और जवाबदेही बढ़ाना है।
गुरुवार को राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके मंत्रियों के विशेषाधिकारों पर नियंत्रण के लिए एक परिपत्र जारी किया। इसमें बताया गया कि कैबिनेट और उप-मंत्रियों को सिर्फ दो सरकारी वाहनों तक सीमित कर दिया गया है। इसके अलावा, उनके पेट्रोल भत्ते, ऑफिस, आवासीय और मोबाइल फोन के खर्च पर नई सीमाएं भी लगाई गई हैं।
साथ ही जारी परिपत्र में मंत्रियों के लिए ऑफिस में कर्मचारियों की संख्यों को लेकर भी जिक्र किया गया। इसमें बताया गया कि कैबिनेट मंत्री के लिए 15 और उप-मंत्री के लिए 12 कर्मचारियों की सीमा तय की गई है। इसके अलावा, मंत्रियों के परिवार के सदस्य या करीबी रिश्तेदारों को महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर नियुक्त करने की अनुमति नहीं होगी।
श्रीलंका सरकार द्वारा यह नियम विशेष रूप से पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को लेकर उठे विवाद के बीच आए हैं। राजपक्षे की सुरक्षा को दिसंबर में 300 से घटाकर 60 कर्मियों तक सीमित कर दिया गया था। साथ ही मामले में राष्ट्रपति दिसानायके ने आरोप लगाया कि राजपक्षे ने महंगे सरकारी आवास पर कब्जा किया है और कहा कि उन्हें उनका घर खाली करने और केवल पेंशन का एक तिहाई किराया देने को कहा जाएगा।
इस बयान के बाद विपक्ष ने दिसानायके पर आरोप लगाया कि वह राजपक्षे से राजनीतिक बदला लेने की कोशिश कर रहे हैं। मामले में विपक्ष का कहना है कि पूर्व राष्ट्रपति को जो विशेषाधिकार दिए गए हैं, वे संविधान में दर्ज हैं, जबकि नई सरकार का कहना है कि यह उनके चुनावी वादे को लागू करने का हिस्सा है।
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