श्रीलंका में आधार जैसी योजना के लिए भारत ने दिए 45 करोड़ रुपए जानिए क्या मिलेगा फायदा
राष्ट्रपति के सलाहकार रत्नानायका ने कहा कि उनकी सरकार तय समय सीमा में इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की कोशिश करेगी। भारतीय उच्चायुक्त ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी ट्वीट करके इसकी जानकारी दी।
भारत ने श्रीलंका में आधार जैसी योजना 'यूनीक डिजिटल आइडेंटिटी प्रोजेक्ट' के लिए 45 करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी कर दी है। श्रीलंका के डिजिटलीकरण की दिशा में यह एक अहम योजना है, जिसकी फंडिंग भारत सरकार द्वारा की जा रही है। श्रीलंका के राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से भी इसकी पुष्टि की गई है।
श्रीलंका के राष्ट्रपति कार्यालय में हुई अहम बैठक में श्रीलंका के राष्ट्रीय सुरक्षा पर राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार और राष्ट्रपति स्टाफ के चीफ, सगाला रत्नानायका, श्रीलंका के तकनीकी मंत्री कनक हेराथ, श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले और भारतीय उच्चायुक्त के प्रथम सचिव एलडोस मैथ्यू और अन्य अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में प्रोजेक्ट पर खूब चर्चा हुई।
इस दौरान भारतीय उच्चायुक्त ने पहली किस्त के रूप में 45 करोड़ रुपए का चेक कनक हेराथ को सौंपा। यह कुल रकम का 15 प्रतिशत है। फिलहाल 45 करोड़ रुपए अग्रिम भुगतान के तौर पर दिए गए हैं। वहीं राष्ट्रपति के सलाहकार रत्नानायका ने कहा कि उनकी सरकार तय समय सीमा में इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की कोशिश करेगी। भारतीय उच्चायुक्त ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी ट्वीट करके इसकी जानकारी दी।
इस प्रोजेक्ट के तहत श्रीलंका की सरकार अपने नागरिकों की बायोग्राफिक और बायोमीट्रिक जानकारी को इकट्ठा करेगी। इनमें चेहरे, आंखों की पुतली और फिंगरप्रिंट का डाटा शामिल होगा। इकट्ठा करने के बाद इस जानकारी को इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन द्वारा निर्धारित नियमों के मुताबिक केंद्रीकृत प्रणाली में संग्रहीत किया जाएगा। यह योजना भारत में आधार योजना के जैसी ही है, जिसकी मदद से भारत में डिजिटल क्रांति लाने में मदद मिली है।
श्रीलंका में डिजिटल आइडेंटिटी प्रोजेक्ट से सरकारी सेवाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाना आसान हो जाएगा और गरीबी घटेगी। साथ ही श्रीलंका सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं को बेहतर तरीके से क्रियान्वित कर सकेगी। श्रीलंका में आर्थिक समावेश बढ़ेगा और लोगों की बैंकिंग और अन्य सेवाओं तक पहुंच आसान होगी।
भारत और श्रीलंका के बीच मार्च 2022 में इस प्रोजेक्ट को लेकर समझौता हुआ था। समझौते के तहत इस प्रोजेक्ट के लिए इंडो श्रीलंका जॉइंट प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए सॉफ्टवेयर का विकास भी भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है।
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