श्रीराम की ससुराल भी गया निमंत्रण
ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने कहा कि गीता जयंती के माध्यम से गीता का संदेश विश्व के कोने-कोने तक पहुंचना चाहिए। यह दिन हिंदुओं के लिए शौर्य का प्रतीक है।
नई दिल्ली (आरएनआई) अयोध्या में श्रीराम मंदिर के भव्य अभिषेक समारोह से पहले, श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि मंदिर में श्रीरामलला की मूर्ति की स्थापना भारत के सम्मान की पुनर्स्थापना का प्रतीक होगी। चंपत राय ने कहा, इस मील के पत्थर को हासिल करने में शामिल लोग देश की आजादी के अज्ञात योद्धाओं के समान थे।
गीता जयंती के माध्यम से गीता का संदेश विश्व के कोने-कोने तक पहुंचना चाहिए। यह दिन हिंदुओं के लिए शौर्य का प्रतीक है। राममंदिर का निर्माण रामराज्य की आधारशिला बनेगा। यह बात श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने गीता जयंती के अवसर पर मणिरामदास की छावनी स्थित वाल्मीकि रामायण भवन में आयोजित कार्यक्रम कही।
भगवान श्रीराम की ससुराल नेपाल में जनकपुर स्थित जानकी मंदिर के महंत को भी अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण भेजा गया है। जानकी मंदिर के उत्तराधिकारी राम रोशन दास ने बताया कि शुक्रवार देरशाम उन्हें और मंदिर के महंत को निमंत्रण मिला। इसके बाद वैदिक संस्कृति का पालन करते हुए तैयारियां की जा रही हैं। दास ने कहा कि मिथिला और अयोध्या का अनोखा रिश्ता है। हमने वहां जाने की तैयारी शुरू कर दी है। हम ‘भार’ को भी अयोध्या ले जाएंगे। हम 22 से 24 जनवरी तक हर्षोल्लास और उत्सव के साथ अयोध्या में रहेंगे।
त्रेता युग में जिस तरह रावण का वध कर लंका से भगवान राम पुष्पक विमान से वापस लौटे थे, कुछ ऐसा ही दिव्य नजारा 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अयोध्या में देखने को मिलेगा। इस भव्य आयोजन के दिन देश-विदेश से 100 से अधिक विमानों से विशिष्ट मेहमानों के अयोध्या के मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने की संभावना है। इनके अलावा वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर में भी वैकल्पिक इंतजाम किए जा रहे हैं।
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