श्रीजी बाबा चिकित्सा संस्थान में नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन
श्रीजी बाबा चिकित्सा संस्थान में नेत्र चिकित्सा शिविर
मथुरा। (आरएनआई) गोवर्धन रोड़ स्थित कल्याणं करोति, मथुरा द्वारा संचालित श्रीजी बाबा चिकित्सा संस्थान में स्वर्गीय बाबू लाल अग्रवाल की पुण्य स्मृति में राजन अग्रवाल के सौजन्य निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया।जिसमें दूर दराज़ के अंचलो से आये 396 नेत्र रोगियों ने पंजीकरण करा कर परीक्षण कराया।जिसमें से 101 मोतियाबिंद रोगियों का नि:शुल्क ऑपरेशन किया गया।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए गिरीश अग्रवाल ने कहा कि जो लोग दूसरों के उपकार में रत रहते हैं,उनके लिए संसार में कोई भी उपलब्धि असंभव नहीं है। स्वर्गीय बाबू लाल अग्रवाल ने समाज के लिए अनेक कार्य किये।उनका योगदान समाज उत्थान के लिए महत्वपूर्ण है।आज उनके परिवारीजनों द्वारा उनकी स्मृति में इस नेत्र चिकित्सा शिविर के माध्यम से उनको सच्ची श्रद्धांजलि दी है।
सौरव अग्रवाल ने कहा कि स्व. बाबूजी समय-समय पर सामाजिक कार्य करते रहते थे।उन्ही की प्रेरणा स्वरुप उनके मार्गदर्शन और आदर्शों को मानते हुए हम सभी सेवाकार्य करने की कोशिश कर रहे है।
संस्था के महासचिव एवं वरिष्ठ समाजसेवी सुनील कुमार शर्मा ने कहा कि कल्याणं करोति द्वारा अंधता निवारण दिव्यांग भाइयों की सेवा के क्षेत्र में देश के विभिन्न भागों में पहुंचकर सेवा का कार्य किया गया है।संस्था द्वारा संचालित श्रीजी बाबा चिकित्सा संस्थान के माध्यम से विभिन्न जनपदों से आने वाले नेत्र रोगियों के लिए मोतियाबिंद के ऑपरेशन का कार्य अनवरत रूप से चल रहा है
संस्था के महाप्रबंधक कैप्टन राजीव मिश्रा ने कहा कि हमारी संस्था का मुख्य उद्देश्य है कि यहाँ पर आने वाले कोई भी नेत्र रोगी जिसको नेत्र ऑपरेशन की आवशयकता है, वो हमारे यहाँ से निराश होकर नहीं लोटे।इसी क्रम में एक सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण जचोंदा गोवर्धन रोड, मथुरा में प्रारम्भ हो गया है। जो की 2024 में दीपावली उपरांत नेत्र रोगियों की सेवा के लिए समाज को समर्पित हो जायेगा।
इस अवसर पर सुनील अग्रवाल, राजन अग्रवाल, राघव अग्रवाल, दिनेश अग्रवाल, दीनदयाल अग्रवाल, सुशील अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, विजेंद्र कुमार सर्राफ, पुनीत, हेमन्त बंसल, मूलचंद गर्ग, प्रवीण भारद्वाज एवं सात्विक उपाध्याय आदि की उपस्थिति विशेष रही।संचालन निरुपम भार्गव(सह-सचिव) एवं आभार व्यक्त नरेंद्र अग्रवाल ने किया।
(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
What's Your Reaction?