श्रद्धालुओं के लिये ट्यूबवेल से नदी में जमा किया गया पानी
तरुण मोहन
दरभंगा, 5 जुलाई 2023, (आरएनआई)। आदि काल से सात नदियों के बहते पानी से प्लावित मिथिला भी अब सूखी रहने लगी है।इस सूखेपन की वजह से यहाँ धार्मिक महत्व के जीवछघाट पर श्रद्धालुओं के लिए ग्रामीणों को टयूबवेल में मोटर लगाकर नदी में जल भराव करना पड़ा।
पूर्व प्राचार्य विद्यानाथ झा ने आज यहाँ बताया कि वर्ल्ड नेचुरल डेमोक्रेसी द्वारा आयोजित नदी पदयात्रा में एक अनोखा प्रेरक प्रसंग सामने आया,जब यात्रा काकरघाटी से पहले पड़ाव में जीवछघाट पहुँची तो पुल के नीचे थोड़ा पानी देखा गया, जिसे मिटटी से घेरकर जमा किया गया था। यह पानी कैसा है? पता करने पर मालूम चला कि नदी के पूरी तरह सूख जाने के कारण दूर-दराज़ से यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं के लिये बेहद कठिनाई होती थी। उन्हें पानी नहीं मिलता था। तब स्थानीय लोगों ने आपसी सहयोग से अपने घर के ट्यूबवेल में दस हज़ार रूपये में मोटर ख़रीदकर लगाया और उस मोटर के जरिये पानी निकालकर नदी में दिया,ताकि श्रद्धालुओं को कठिनाई नहीं हो सके।
नदी में पानी जमा करने वालों ने बताया कि यहाँ पडोसी मुल्क नेपाल के अलावा वैशाली, सीतामढ़ी, हसनपुर आदि इलाके से श्रद्धालु आते हैं, उन्हें यहाँ आकर निराशा हाथ लगती है,क्योंकि नदी में जल नहीं है, इसी दृष्टि से चन्दा करके मोटर लगवाया गया एवं सूखी नदी में जल का प्रबन्ध किया गया।
इस सराहनीय कार्य के लिये जगदीश सहनी, शम्भू सहनी और राम नारायण सहनी को नदी सत्याग्रह के तीसरे चरण में तालाब बचाओ अभियान के संचालक एवं पर्यावरणविद नारायण जी चौधरी के हाथों से माला तथा मुख्य अतिथि के रूप में आये वनस्पति वैज्ञानिक प्रो.झा द्वारा शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। वहीं जितेन्द्र सहनी एवं राजदेव सहनी जो नदी सत्याग्रह की सभा में सम्मान प्राप्त करने नहीं पहुँच सके थे, उन्हें वर्ल्ड नेचुरल डेमोक्रेसी के अध्यक्ष डॉ. जावैद अब्दुल्ला ने स्वयं जीवछघाट जाकर नदी पर ही शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। उज्जवल भविष्य फ़ाउंडेशन के बिहार ज़ोन के प्रबंध निदेशक रमा शंकर प्रसाद ने उनके इस परोपकारी कार्य की सराहना की। एल.एस.
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