शोधकर्ता में कल्पना शक्ति जरूरी
शाहजहांपुर (आरएनआई) एसएस कॉलेज के वाणिज्य विभाग में चल रही कार्यशाला के तीसरे दिन राजकीय महाविद्यालय बीसलपुर के अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ विकास प्रधान ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा की शोधकर्ता में कल्पना शक्ति होनी चाहिए क्योंकि शोध तभी हो पता है जब हम पहले संबंधित समस्या के विषय में कल्पना करते हैं। उन्होंने डॉ अब्दुल कलाम आजाद का उदाहरण देते हुए कहा कि जब सपने देखोगे तभी उन्हें साकार कर पाओगे। हमारी सटीक कल्पना शक्ति हमें शोध समस्या के समाधान तक जल्दी पहुंचती है। अतः शोध समस्या के चयन के बाद की यह कल्पना करनी चाहिए कि इस समस्या का समाधान क्या हो सकता है। कल्पना में रखे गए समाधान का वैकल्पिक समाधान भी मस्तिष्क में रखना चाहिए। समस्या से समाधान तक पहुंचने के मार्ग में समाज की ज्यादा से ज्यादा इकाईयों से वार्तालाप करना चाहिए ताकि विभिन्न प्रकार के दृष्टिकोण और सुझाव प्राप्त हो सकें। बृज लाली के संचालन में हुए कार्यक्रम के अंत में डा विजय तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। व्यवस्था में अपर्णा त्रिपाठी, यश कश्यप और कोमल मिश्रा का विषेश सहयोग रहा।
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