शेख हसीना ने मुहम्मद यूनुस पर तीखा हमला बोला, कहा- वह एक अलोकतांत्रिक समूह का नेतृत्व कर रहे
बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस को फासीवादी बताते हुए तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यूनुस एक अलोकतांत्रिक समूह का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसकी लोगों के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं है।
नई दिल्ली (आरएनआई) बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने रविवार को अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस पर एक और तीखा हमला बोला। हसीना ने यूनुस पर आरोप लगाया कि वह एक 'अलोकतांत्रिक समूह' का नेतृत्व कर रहे हैं, जो लोगों के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं निभा रहा है।
'बिजॉय दिबोश' की पूर्व संध्या पर एक बयान में, अपदस्थ प्रधानमंत्री हसीना ने यूनुस को 'फासीवादी' बताते हुए आरोप लगाया कि उनके नेतृत्व वाली सरकार का मुख्य उद्देश्य मुक्ति संग्राम की भावना और मुक्ति समर्थक ताकतों को दबाना है।
बांग्लादेश 16 दिसंबर को 'विजय दिवस' के रूप में मनाता है। 1971 में तत्कालीन पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल अमीर अब्दुल्ला खान नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ 13 दिनों तक युद्ध लड़ा, जिसके बाद भारतीय सेना और बांग्लादेश की 'मुक्ति वाहिनी' की संयुक्त सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इसके बाद पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बन गया।
पूर्व पीएम हसीना ने यूनुस को फासीवादी बताते हुए कहा कि उनकी सरकार ने असांविधानिक तरीके से सत्ता पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा, 'वे सत्ता अपने हाथ में ले रहे हैं और सभी लोक कल्याण कार्यों में बाधा डाल रहे हैं।' हसीना ने यूनुस सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि बांग्लादेश के लोग कीमतों में वृद्धि के बोझ तले दबे हुए हैं।
हसीना ने यह भी कहा कि यूनुस की सरकार स्वतंत्रता संग्राम और बांग्लादेश के इतिहास के प्रति संवेदनशील नहीं है, और उनके कदम इस बात को साबित करते हैं।
हसीना अगस्त में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भारत आ गई थीं। यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनने के बाद भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव बढ़ गया है, खासकर बांग्लादेश में हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमलों के बढ़ने के कारण।
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