शुभम के परिवार से मिले सीएम योगी, बोले- आतंकवाद को नेस्तनाबूद करेंगे, ये हमला क्रूर और वीभत्स
पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए शुभम का आज राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा। हाथीपुर गांव स्थित घर से ड्योढ़ी घाट शव जाएगा।

कानपुर (आरएनआई) पहलगाम हमले में आतंकियों की गोली का शिकार हुए शहर के लाल शुभम द्विवेदी को पूरे सम्मान के साथ गुरुवार को अंतिम विदाई दी जाएगी। इसके लिए जिला प्रशासन और कमिश्नरी पुलिस ने पूरी तैयारी कर ली है। ड्योढ़ी घाट पर शुभम के शव का अंतिम संस्कार होगा।
शुभम के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए ग्रामीणों का तांता हुआ है। गुरुवार सुबह करीब दस बजे मुख्यमंत्री योगी शुभम के घर पहुंचे है। सीएम ने शुभम को श्रद्धांजलि दी। साथ ही घरवालों से बात कर उनका ढांढस बंधाया।
इसके बाद सीएम योगी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि हमले में कानपुर का एक युवा भी शिकार हुआ है। यहां के एक नौजवान शुभम द्विवेदी की मौत हुई है। उसकी दो महीने पहले ही शादी हुई थी। आतंकवाद को नेस्तनाबूद कर देंगे। पहलगाम का आतंकी हमला एक क्रूर, वीभत्स और कायराना है। न केवल देश, बल्कि दुनियाभर ने इसकी निंदा की है।
सीएम योगी ने कहा कि यह घटना बताती है कि आतंकवाद अपनी अंतिम सांस ले रहा है। धर्म और जाति पूछकर बहन बेटियों के सिंदूर को उजाड़ा गया है। ये बात कोई भी समाज स्वीकार नहीं कर सकता है। भारत में यह कतई स्वीकार्य नहीं है।
सीएम योगी ने कहा कि हमारी सरकार की जो जीरो टॉलरेंस की नीति रही है वह प्रभावी तरीके से इसके खिलाफ कदम उठाएगी। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) की मीटिंग में कड़े फैसले लिए गए हैं। मैंने शुभम के परिवार से मुलाकात की है, मैंने कल उनके पिता से बात की थी।
सीएम योगी ने कहा कि कल ही उनका पार्थिव शरीर यहां पहुंचा है, शुभम का परिवार दुखी है। उसकी दो महीने पहले ही शादी हुई थी। परिवार के प्रति मेरी संवेदना है। पूरा देश इस घड़ी में उनके साथ खड़ा हुआ है। हिंदू मां और बहनों के साथ जो बर्बरता की गई है। उसी प्रकार आतंकियों और उनके आकाओं को इसकी सजा जरूर मिलेगी। हम इस परिवार के साथ खड़े हैं। याद रखना यह डबल इंजन की सरकार है जो इस मामले में किसी तरह का समझौता नहीं करती है।
शुभम के पिता ने सीएम से रोते हुए कहा दरिंदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कीजिए। हाथ जोड़कर कह रहे थे कि ऐसा सबक सिखाएं, जिससे कोई ऐसा करने की ना सोचे। शुभम की पत्नी ने सीएम के सामने पूरी घटना सुनाई, कब कैसे क्या-क्या हुआ।
शुभम का नाम आज हर जुबान पर है। राजनेता हों या नौकरशाह, व्यापारी, छात्र, संगठन, सभी शुभम की असामयिक मौत से गुस्से में हैं। एक ही बात जुबां पर है, मौत का बदला लो। बहरहाल कानपुर की जनभावना का सम्मान करते हुए जिला प्रशासन और कानपुर कमिश्नरेट ने शुभम को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई देने का निर्णय लिया है।
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