शिंदे गुट के 40 और उद्धव खेमे के 14 विधायकों को नोटिस भेज अयोग्यता पर जवाब मांगा : विस अध्यक्ष
महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शनिवार को बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 40 विधायकों और उद्धव ठाकरे गुट के 14 विधायकों को नोटिस जारी कर उनके खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर उनसे जवाब मांगा गया है।
मुंबई, 8 जुलाई 2023, (आरएनआई)। महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शनिवार को बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 40 विधायकों और उद्धव ठाकरे गुट के 14 विधायकों को नोटिस जारी कर उनके खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर उनसे जवाब मांगा गया है।
उन्होंने कहा कि इन विधायकों को जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया गया है।
नोटिस मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे सहित कुल 54 विधायकों को जारी किया गया है। हालांकि नोटिस शिवसेना (यूबीटी) विधायक रुतुजा लाटके को नहीं जारी किया गया है जो पिछले साल शिवसेना में टूट के बाद विधायक चुनी गई थीं।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब नार्वेकर ने एक दिन पहले बयान दिया था कि उन्हें भारत निर्वाचन आयोग से शिवसेना के संविधान की एक प्रति मिल गई है और मुख्यमंत्री शिंदे सहित 16 शिवसेना विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई जल्द शुरू होगी।
नार्वेकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना गुट के 40 विधायकों और उद्धव ठाकरे खेमे के 14 विधायकों को नोटिस जारी कर अयोग्यता पर जवाब मांगा गया है।’’
शिवसेना विधायक एवं प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा कि उन्हें विधानसभा से अब तक कोई नो नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने भी आदित्य ठाकरे सहित उद्धव गुट के 14 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की है।
इस सप्ताह की शुरुआत में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने उच्चतम न्यायालय का रुख कर उससे विधानसभा अध्यक्ष को अयोग्यता याचिकाओं पर शीघ्र सुनवाई करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।
नार्वेकर पर हमला करते हुए शिवसेना (यूबीटी) के नेता अरविंद सावंत ने कहा, ‘‘विधानसभा अध्यक्ष ने पिछले दो महीने में (अयोग्यता याचिकाओं पर) कुछ नहीं किया, इसी वजह से हमने उच्चतम न्यायालय का रुख किया जिसके कारण ही उन्होंने ये नोटिस जारी किया है और सात दिन के भीतर जवाब मांगा है।’’
सावंत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने मई में अपने फैसले में माना था कि शिवसेना में विद्रोह के दौरान सुनील प्रभु सचेतक थे।
विधायक सुनील प्रभु ने अविभाजित शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में पिछले साल उस वक्त शिंदे और अन्य 15 विधायकों के खिलाफ विधानसभा सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने की याचिका दायर की थी, जब शिंदे गुट ने विद्रोह किया था और जून 2022 में राज्य में नयी सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिलाया था।
शीर्ष अदालत ने 11 मई को अपने फैसले में कहा था कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
अदालत ने कहा था कि वह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार को बहाल नहीं कर सकती, क्योंकि शिंदे के विद्रोह के मद्देनजर शिवसेना नेता ने शक्ति परीक्षण का सामना किए बिना इस्तीफा देने का फैसला किया था।
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