शराबबंदी वाले बिहार की सच्चाई!- नशे में धुत हेडमास्टर साहब पहुंचे झंडा फहराने

Jan 27, 2025 - 13:31
Jan 27, 2025 - 13:33
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मुजफ्फरपुर (आरएनआई) बिहार के मुजफ्फरपुर में झंडोत्तोलन के दौरान नशे में हेडमास्टर पकड़े गए. अब तो सरस्वती की मंदिर कहे जाने वाले स्कूल में भी उड़ रही शराबबंदी की धज्जियां. नशे में धुत हेडमास्टर पहुच गए स्कूल में झंडा फहराने. जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई और पुलिस ने हेडमास्टर को गिरफ्तार कर लिया. मामला मीनापुर क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल का है.

बता दें की कल यानी रविवार को पूरा देश गणतंत्र दिवस मना रहा था, निजी और सरकारी संस्थानों में झंडातोलन किया जा रहा था, वही बिहार के मुजफ्फरपुर से एक ऐसी तस्वीर निकल कर सामने आई है जो बिहार में शराबबंदी की हकीकत बयां करने लगी. दरअसल स्कूल में गणतंत्र दिवस पर समारोह में मास्टर साहब नशे में धुत पकरे गए. शराब पीकर नशे में धुत्त मास्टर जी झंडोत्तोलन करने पहुंचे स्कूल. झंडोत्तोलन करते झूमते नजर आए हेडमास्टर साहब. ये और कोई नहीं सरकारी स्कूल के हेडमास्टर हैं जो शराबबंदी वाले बिहार में सबेरे सबेरे दारू पीकर नशे में झूमते गणतंत्र दिवस पर स्कूल में झंडा फहराने पहुंच गए. कभी बिहार में शराबबंदी को सफल बनाने के लिए सरकार ने सरकारी स्कूल के मास्टर साहब को भी शामिल किया गया था. लेकिन मास्टर साहब ठहरे नशे के पुजारी बिना पीए मानते ही नहीं. एक ओर पूरा देश 76 वां गणतंत्र दिवस हर्षोउल्लास के साथ मना रहा था. वही एक स्कूल के हेडमास्टर दारू पीकर फुल टल्ली होकर झण्डा तोलन करने स्कूल में पहुँच गए.

जानकारी के अनुसार राजकीय मध्य विद्यालय में झंडोतोलन कार्यक्रम आयोजित किया गया था और हेडमास्टर को झंडा फहराना था लेकिन जब हेडमास्टर संजय सिंह लड़खड़ाते हुए झंडा फ़हराने में असमर्थता दिखाई दिए तो मौके पर मौजूद ग्रामीणों को शक हुआ आखिर माजरा क्या है. जिसके बाद ग्रामीणों ने राजद विधायक मुन्ना यादव और रामपुर हरि थाना को इस बात की जानकारी दिया. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँच कर हेडमास्टर को गिरफ्तार कर लिया. जानकारी के मुताबिक, घटना मीनापुर प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय धर्मपुर पूर्वी की है. इधर नशे में हेडमास्टर की गिरफ्तारी से इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है.

जब हेडमास्टर साहब से पूछा गया की आप रोज पीते है तो उन्होंने कहा की हम मजबूरी में पीते है पांच महीने से वेतन बंद है खिचड़ी योजना बंद है कैसे हम विद्यालय को चला रहे है. वही दारू पीने के लिए पैसा कहा से आता है तो उन्होंने कहा की कोई अपना पिला देता है.

अब ऐसे में इस घटना ने न केवल शराबबंदी कानून बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.

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