वो जो हम में तुम में क़रार था : शिवराज का नया आशियाना ‘मामा का घर’, कहा ‘जब याद आए चले आना’
“तुझ को देखा तिरे वादे देखे ऊँची दीवार के लम्बे साए”
भोपाल (आरएनआई) तो अब इन ऊंची दीवारों के साए तले एक तख्ती टंग गई है..जिसपर लिखा है ‘मामा का घर’। एक विज्ञापन की टैग लाइन थी ‘हर घर कुछ कहता है’। ज़ाहिर तौर पर ये घर भी काफी कुछ कहता है। या यूं कहें कि इस घर का नाम काफी कुछ बयां करता है। हालांकि शेक्सपियर कह गए हैं कि ‘नाम में क्या रखा है’। लेकिन वो ठहरे रिसालों और नाटकों की दुनिया के आदमी। उनका संसार अलग था..वो इन सियासी मसअलों से कोसों दूर थे। उनके लिए गुलाब का नाम चाहे जो रख दो..खुशबू तो वही आएगी। लेकिन यहां मामला अलहदा है।
मामा का घर
मध्य प्रदेश में सबसे लंबे समय और भारतीय जनता पार्टी में सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड कायम कर चुके शिवराज सिंह चौहान के नाम के आगे पूर्व लग चुका है। और इस एक लफ्ज़ के मानी क्या होते हैं ये वही बता सकता है जिसपर बीती हो। बहरहाल, पूर्व मुख्यमंत्री होते ही शिवराज का पता बदल गया है। अब उनका नया ठिकाना बी-8, 74 बंगला है और इस घर को उन्होने नाम दिया है ‘मामा का घर’। शिवराज सिर्फ मध्य प्रदेश में ही नहीं, देशभर में ‘मामा’ के नाम से जाने जाते हैं। ये रिश्ता उन्होने खुद जोड़ा था और सीएम रहते हुए भी और बाद में भी लगातार दोहराते रहे हैं कि मध्य प्रदेश की बहनों और बेटियों के साथ उनका संबंध कभी खत्म नहीं होगा। उसी वादे को निभाते हुए उन्होने अपने घर को मामा का घर नाम दिया है।
घर आने का न्योता
घर के नामकरण से पहले उन्होने एक्स (ट्विटर) पर अपने नाम के आगे ‘भाई और मामा’ जोड़ा था। अब नए घर का नाम भी इसी तर्ज़ पर रखा है। इसी के साथ एक्स पर उन्होने भावुक नोट लिखते हुए कहा है कि ‘पता बदल गया है, लेकिन “मामा का घर” तो मामा का घर है। आपसे भैया और मामा की तरह ही जुड़ा रहूँगा। मेरे घर के दरवाजे सदैव आपके लिए खुले रहेंगे। आपको जब भी मेरी याद आये या मेरी जरूरत हो, नि:संकोच घर पधारिये आखिर यह आपके मामा और भैया का घर जो है।’ याद दिला दें कि एक दिन पहले बुधनी में एक सभा में उन्होने कहा था कि ‘राजतिलक होते होते कई बार वनवास हो जाता है’। ऐसे ही कुछ और मौकों पर उनकी टीस ज़ाहिर हो चुकी है लेकिन साथ ही वो हमेशा ये भी दोहराते रहे हैं कि उनका मध्य प्रदेश के अटूट नाता है। खासकर बेटियों बहनों और भांजे भांजियों के साथ। अब भले ही वो मुख्यमंत्री नहीं हैं, लेकिन उन्होने अपने घर को वही नाम दिया है..जिसने उन्हें प्रदेश में अपार लोकप्रियता दिलाई। सीएम हाउस से रिश्ता टूटते ही उन्होने अपने घर को ‘रिश्ते’ से जुड़ा ये नाम दिया है। अब शिवराज सिंह चौहान का नया पता ‘मामा का घर’ है और इस घर में उन्होने ‘यादों’ और ‘लोगों’ दोनों को आने का न्योता दिया है।
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