वैदिक सनातन संस्कृति के संरक्षण के लिए हुई है वृन्दावन निकुंज आश्रम की स्थापना : पंडित सुरेश चंद्र शास्त्री
(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन (आरएनआई) चैतन्य विहार,फेस-1 स्थित वृन्दावन निकुंज आश्रम का उद्घाटन समारोह प्रमुख संतों-विद्वानों एवं धर्माचार्यों के पावन सानिध्य में अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त करते हुए।
आश्रम के संस्थापक प्रख्यात धर्माचार्य पंडित सुरेश चंद्र शास्त्री व भागवत प्रवक्ता नवीन कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वृन्दावन निकुंज आश्रम की स्थापना प्राचीन भारतीय वैदिक सनातन संस्कृति के संरक्षण, उन्नयन व पुनरोत्थान करने के लिए की गई है।इसके अलावा आश्रम के द्वारा लोक कल्याण के विभिन्न सेवा प्रकल्प संचालित किए जायेंगे।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं प्रमुख समाजसेवी पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि श्रीधाम वृन्दावन लीला पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण और उनकी आल्हादिनी शक्ति स्वरूपा श्रीराधा की पावन भूमि है।यहां निर्धनों, निराश्रितों, संतों, ब्रजवासियों एवं दिव्यांगो की सहायता के लिए वृन्दावन निकुंज आश्रम की स्थापना होना गौरव की बात है।
श्रीमहंत फूलडोल बिहारीदास महाराज एवं आचार्य नेत्रपाल शास्त्री ने कहा कि वृन्दावन निकुंज आश्रम के संस्थापक प्रख्यात धर्माचार्य पंडित सुरेश चंद्र शास्त्री व प्रमुख भागवताचार्य नवीन कृष्ण शास्त्री धर्म व अध्यात्म जगत की बहुमूल्य विभूति हैं।जो कि श्रीमद्भागवत, रामायण एवं अन्य धर्म ग्रंथों के माध्यम से प्रभु भक्ति और सनातन धर्म का प्रचार प्रसार कर रहे हैं।
संत-विद्वत सम्मेलन में मुख्य यजमान श्रीरामावतार मिश्र(देवरी-सागर,मध्य प्रदेश), समारोह के संयोजक पंडित सौरभ शर्मा, भागवताचार्य विपिन बापू, पण्डित अशोक शास्त्री, आचार्य युगल किशोर कटारे,पंडित सुधीर शुक्ला, डॉ. राधाकांत शर्मा, आचार्य ईश्वर चंद्र रावत आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
इससे पूर्व सुमधुर भजन संध्या का आयोजन संपन्न हुआ।जिसके अंतर्गत ठाकुर श्रीराधा-कृष्ण के स्वरूपों के मध्य भव्य फूलों की होली खेली गई।साथ ही समस्त भक्तों-श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया।महोत्सव का समापन संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारे के साथ हुआ
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