वृंदावन पहुंचे रक्षा मंत्री और सीएम
षष्ठीपूर्ति महोत्सव में शामिल होने के लिए रक्षा मंत्री और सीएम वृंदावन पहुंचे। यहां उन्होंने देश को पहला बालिका सैनिक स्कूल समर्पित किया। यह वात्सल्य ग्राम में बना है।
मथुरा (आरएनआई) तीर्थनगरी मथुरा के वृंदावन स्थित वात्सल्य ग्राम में षष्ठीपूर्ति महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। इसमें शामिल होने के लिए सोमवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सीएम योगी आदित्यानाथ यहां पहुंचे। इस मौके पर रक्षा मंत्री और सीएम ने देश की बालिकाओं को पहला बालिका सैनिक स्कूल समर्पित किया।
वृंदावन स्थित वात्सल्य ग्राम में साध्वी ऋतंभरा के 60वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में षष्ठीपूर्ति महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। इसी मौके पर स्कूल का लोकार्पण किया गया। वात्सल्य ग्राम में बने इस स्कूल का नाम समविद गुरुकुलम गर्ल्स सैनिक स्कूल है। छठी कक्षा से 12वीं कक्षा तक संचालित होने जा रहे इस स्कूल में 120 बेटियां शिक्षा लेंगी।
इसमें प्रवेश के लिए 21 जनवरी को प्रवेश परीक्षा राष्ट्रीय एजेंसी द्वारा कराई जाएगी। देश भर की बालिकाओं ने परीक्षा में भाग लेने को पहले ही आवेदन कर रखा है। इस स्कूल में सीबीएसई बोर्ड की पढ़ाई भी होगी। सेना के पूर्व अधिकारी व एनसीसी के अधिकारी सेना की तैयारी कराएंगे। सुबह पांच से रात 10 बजे तक विभिन्न चरणों में पढ़ाई होगी।
सैन्य विद्यालय के बारे में जानकारी देते हुए वात्सल्य ग्राम के प्रवक्ता डा. उमाशंकर राही ने बताया, सैन्य विद्यालय में हर वर्ष 120 सीटें तय की गई हैं। विद्यालय में दाखिला के लिए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी परीक्षा कराती है। बालिकाओं ने 20 दिसंबर तक आवेदन किया है। 21 जनवरी को इसकी परीक्षा होगी। परीक्षा में पास होने के बाद बालिकाएं ई-काउंसिलिंग होगी और मेरिट लिस्ट बनेगी। विद्यालय में सत्र अप्रैल में ही शुरू होगा।
सैन्य विद्यालय में चयनित बालिकाओं का दिनभर का रूटीन सुबह पांच बजे से रात 10 बजे तक का होगा। सुबह की शुरुआत ड्रिल के साथ होगी। इसके बाद में सीबीएसई की शिक्षा दी जाएगी। तत्पश्चात सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम की शिक्षा बालिकाओं को दी जाएगी। शाम को विभिन्न खेलकूद, परेड और बाधा प्रशिक्षण दिया जाएगा।
विद्यालय में वर्तमान में स्केटिंग, बालीवाल, रायफल शूटिंग, हार्स राइडिंग कोर्स बालिकाओं को कराए जाएंगे। इसके अलावा सैन्य विद्यालयों के लिए सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा तय मानकों के आधार पर बाधा प्रशिक्षण के लिए मैदान तैयार कराया जाएगा।
2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में एक महत्वपूर्ण घोषणा की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि सैनिक स्कूल, जो परंपरागत रूप से केवल लड़कों को प्रवेश देते हैं, अब लड़कियों के लिए भी खुलेंगे। 'मुझे देश भर से लाखों लड़कियों से सैनिक स्कूलों में पढ़ने की इच्छा व्यक्त करने वाले संदेश मिले। इसलिए, सरकार ने फैसला किया है कि देश भर में ऐसे सभी स्कूल अब लड़कियों के लिए भी खुलेंग'। वर्ष 2024 की मंगल प्रभात पर यह वादा ब्रजभूमि पर पूरा हुआ है।
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