विसरा रिपोर्ट पर अफजाल का सवाल, कहा- जो नमूना लेना था, वो दिया नहीं; सच कैसे पता लगेगा?
बांदा जेल में माफिया अतीक अंसारी की मौत के बाद आई विसरा रिपोर्ट पर बड़े भाई और सपा नेता अफजाल अंसारी ने सवाल खड़े किए हैं। बुधवार को मीडिया से बात करते हुए गाजीपुर में सपा प्रत्याशी और मौजूदा सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि जो नमूना विसरा जांच के लिए भेजा जाना चाहिए था, वो तो भेजा ही नहीं गया।
गाजीपुर (आरएनआई) बांदा जेल में माफिया अतीक अंसारी की मौत के बाद आई विसरा रिपोर्ट पर बड़े भाई और सपा नेता अफजाल अंसारी ने सवाल खड़े किए हैं। बुधवार को मीडिया से बात करते हुए गाजीपुर में सपा प्रत्याशी और मौजूदा सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि जो नमूना विसरा जांच के लिए भेजा जाना चाहिए था, वो तो भेजा ही नहीं गया।
मुख्तार अंसारी की विसरा जांच रिपोर्ट पर मंगलवार को सांसद अफजाल अंसारी ने सवाल उठाया। आरोप लगाया कि विसरा जांच में जिन नमूनों को देना था उसे दिया ही नहीं गया। यहां तक कि पदासीन अधिकारियों को हटाकर दूसरे अधिकारियों को बैठा दिया गया, ताकि सरकार अपने गुनाह पर पर्दा डाल सके और मामले में लीपापोती कर सके।
सांसद अफजाल अंसारी ने मीडियाकर्मियों से कहा कि पूरे मामले में पूरे मामले में सरकार खुद ही शामिल है। मुख्तार अंसारी का इलाज करने वाले डॉक्टर भी डरे हुए थे। जब मैं हालचाल जानने के लिए उनसे फोन नंबर मांगा तो डॉक्टर ने साफ मना कर दिया था और कहा था कि प्रतिबंधित किया गया है। यही नहीं, मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर से मिलने के लिए मैं आधा-पौने घंटे तक खड़ा रहा, लेकिन मुझे नहीं मिलने दिया गया।
दावा किया कि नाखून की जांच नहीं हुई। जबकि नाखून और बाल की जांच से साफ हो जाता है कि व्यक्ति की मौत जहर से हुई है या नहीं। या फिर मौत की कोई और वजह है। अफजाल अंसारी ने कहा कि पोस्टमॉर्टम और विसरा किसने किया? घटना की एफआईआर किसने दर्ज की और इसकी जांच कौन कर रहा है?...
उन्होंने सवाल किया कि अगर एम्स के डॉक्टर पोस्टमॉर्टम करेंगे तो मुझे संतुष्टि होगी, लेकिन इस मांग को न मानने का क्या कारण है? .. जहर की जांच के लिए अगर नाखून और बालों की जांच की जाए तो यह स्पष्ट हो जाता है कि व्यक्ति की मौत जहर से हुई है या किसी अन्य कारण से।
पुलिस सूत्रों की मानें तो मुख्तार की विसरा जाांच रिपोर्ट आ गई है। जो न्यायिक जांच टीम को भेज दी गई है। बताया जा रहा है कि रिपोर्ट में जहर की पुष्टि नहीं हुई है। बता दें कि 28 मार्च की देर रात जेल में बंद मुख्तार अंसारी की मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
मुख्तार के परिजनों ने उन्हें जेल में जहर देने का आरोप लगाया था। इस पर प्रशासनिक और न्यायिक जांच टीमें गठित की गईं थीं। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन फिर भी विसरा जांच के लिए लखनऊ भेजा गया था। विसरा रिपोर्ट के बाद लगभग यह बात साफ हो गई है कि मुख्तार अंसारी की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई थी।
पुलिस के सूत्रों का कहना है कि विसरा रिपोर्ट लखनऊ से आ गई है और उसे न्यायिक जांच टीम को दे दी गई है। हालांकि जांच टीम का कोई अधिकारी इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
करीब 10 दिन पूर्व न्यायिक जांच टीम ने मंडल कारागार के बाद मामले में मेडिकल कॉलेज का भी निरीक्षण किया था। टीम ने कॉलेज प्रबंधन से माफिया के इलाज की बीएचटी रिपोर्ट भी तलब की थी, लेकिन इलाज करने वाले 10 से 12 डॉक्टरों से पूछताछ होना अभी बाकी है। मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों का कहना है कि न्यायिक टीम जब चाहे इलाज करने वाले डॉक्टरों के बयान ले सकती है।
माफिया मुख्तार के रहने पर बैरक के अलावा परिसर की सुरक्षा भी कड़ी की गई थी। जांच टीम ने जेल कर्मियों व अधिकारियों से भी पूछताछ की थी। इसके बाद बैरक में लगे जवानों को हटा लिया गया। जेल अधिकारियों के मुताबिक चुनाव के चलते भी फोर्स हटाया गया है।
प्रशासन की जांच टीम ने मुख्तार की मौत के मामले में सार्वजनिक नोटिस जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि कोई भी व्यक्ति मौत से जुड़ी कोई भी जानकारी अथवा बयान दे सकता है। लेकिन अभी तक कोई नहीं पहुंचा।
मुख्तार की मौत के बाद से ही उसके परिजनों में से कोई भी बांदा नहीं आया है। जेल प्रशासन के मुताबिक सारा सामान सुरक्षित रखा है, लेकिन जांच पूरी होने के बाद ही परिजनों के सुपुर्द किया जाएगा।
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