विमान में महिला की सांसें रुकने लगीं, इमरजेंसी लैंडिंग की स्थिति बनी, युवती ने आध्यात्मिक शक्ति से बचाई जान
दुबई से मुंबई आ रही एयर इंडिया की फ्लाइट- 984 में एक अप्रत्याशित घटना ने सभी यात्रियों को चौंका दिया। शनिवार रात करीब डेढ़ बजे, जब विमान पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में था, तभी कृष्णा नाम की एक महिला यात्री अचानक बेहोश हो गईं। उनकी सांसे थमने लगीं, और पल्स रेट तेजी से गिरने लगी। स्थिति गंभीर होने पर पायलट और केबिन क्रू ने विमान को कराची में इमरजेंसी लैंडिंग कराने का निर्णय लिया। इस दौरान विमान में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। तभी यशोदा नामक एक महिला यात्री ने पायलट और केबिन क्रू से अनुरोध किया कि उन्हें महिला यात्री की मदद करने का मौका दिया जाए। यशोदा ने खुद को एक हीलर बताते हुए कहा कि वह सनातन धर्म और भगवद गीता के गहन अध्ययन से जुड़ी हैं और उनके पास मंत्रोच्चार द्वारा मदद करने का अनुभव है।
मुंबई (आरएनआई) दुबई से मुंबई आ रही एयर इंडिया की फ्लाइट- 984 में एक अप्रत्याशित घटना ने सभी यात्रियों को चौंका दिया। शनिवार रात करीब डेढ़ बजे, जब विमान पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में था, तभी कृष्णा नाम की एक महिला यात्री अचानक बेहोश हो गईं। उनकी सांसे थमने लगीं, और पल्स रेट तेजी से गिरने लगी। स्थिति गंभीर होने पर पायलट और केबिन क्रू ने विमान को कराची में इमरजेंसी लैंडिंग कराने का निर्णय लिया।
इस दौरान विमान में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। तभी यशोदा नामक एक महिला यात्री ने पायलट और केबिन क्रू से अनुरोध किया कि उन्हें महिला यात्री की मदद करने का मौका दिया जाए। यशोदा ने खुद को एक हीलर बताते हुए कहा कि वह सनातन धर्म और भगवद गीता के गहन अध्ययन से जुड़ी हैं और उनके पास मंत्रोच्चार द्वारा मदद करने का अनुभव है।
केबिन क्रू ने तत्काल स्थिति को देखते हुए यशोदा को अनुमति दी। यशोदा ने मंत्रोच्चार और ध्यान के जरिए महिला की स्थिति को संभालने की कोशिश की। आश्चर्यजनक रूप से, कुछ ही देर में महिला यात्री कृष्णा की हालत में सुधार होने लगा। उनकी सांसें वापस आने लगीं और पल्स रेट सामान्य हो गया।
यात्रियों और क्रू मेंबर्स ने इस घटना को एक चमत्कार के रूप में देखा। विमान के मुंबई पहुंचने के बाद पायलट, केबिन क्रू और अन्य यात्रियों ने यशोदा का आभार व्यक्त किया।
यशोदा ने कहा, "मैं डॉक्टर या वैद्य नहीं हूं, लेकिन ईश्वर और सनातन धर्म में मेरी गहरी आस्था है। भगवद गीता के अध्ययन और नारायण की आराधना ने मुझे यह आत्मविश्वास दिया कि मैं किसी की मदद कर सकती हूं। मैं बस भगवान की शक्ति का माध्यम बनी।" पायलट ने कहा, "यशोदा जी ने जिस तरह से स्थिति को संभाला, वह अद्भुत था। उनकी मदद से हमें कराची में इमरजेंसी लैंडिंग नहीं करनी पड़ी और हम सुरक्षित मुंबई पहुंच सके। हम उनके इस योगदान के लिए आभारी हैं।"
यह घटना न केवल सनातन धर्म की शक्ति में विश्वास का एक उदाहरण बनी, बल्कि यह भी दिखाया कि आपातकालीन स्थिति में मानवीय भावना और आस्था क्या कर सकती है।
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