विमान पेशाब मामला: पीड़िता ने कहा, कर्मचारियों ने उनकी इच्छा के विरुद्ध आरोपी से सामना कराया
एअर इंडिया के विमान में सहयात्री द्वारा पेशाब की शिकायत करने वाली महिला ने कहा कि वह तब ‘‘हैरान’’ रह गई थीं, जब उनकी इच्छा के विरुद्ध चालक दल के सदस्य आरोपी को उनके सामने ले आए और आरोपी ने ‘‘रोना शुरू कर दिया और गिड़गिड़ाते हुए माफी मांगने लगा।’’
नयी दिल्ली, 6 जनवरी 2023, (आरएनआई)। एअर इंडिया के विमान में सहयात्री द्वारा पेशाब की शिकायत करने वाली महिला ने कहा कि वह तब ‘‘हैरान’’ रह गई थीं, जब उनकी इच्छा के विरुद्ध चालक दल के सदस्य आरोपी को उनके सामने ले आए और आरोपी ने ‘‘रोना शुरू कर दिया और गिड़गिड़ाते हुए माफी मांगने लगा।’’
दिल्ली पुलिस द्वारा आरोपी के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार, आरोपी ने महिला से शिकायत न करने का आग्रह करते हुए कहा था कि वह नहीं चाहता कि उसकी हरकत की वजह से उसकी पत्नी और बच्चे परेशान हों।
पीड़िता द्वारा एअर इंडिया को की गई शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस ने बुधवार को मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की।
प्राथमिकी में पीड़िता ने आरोप लगाया कि उनकी इच्छा के विरूद्ध उनसे आरोपी से बात करके मामला सुलझाने को कहा गया।
प्राथमिकी के अनुसार, 26 नवंबर को एआई-102 विमान में भोजन परोसे जाने के बाद जब बत्तियां बंद की गईं तो ‘बिजनेस क्लास’ में 8ए सीट पर बैठा नशे में धुत्त एक पुरुष यात्री, एक बुजुर्ग महिला की सीट के पास गया और उन पर पेशाब कर दिया।
इसमें कहा गया है कि महिला की बगल वाली सीट पर बैठे यात्री द्वारा आरोपी को वहां से जाने को कहने तक वह वहीं खड़ा रहा और फिर ‘‘लड़खड़ाता हुआ सीट पर लौटा।’’
प्राथमिकी में पीड़िता के हवाले से कहा गया, ‘‘ मैं तुरंत खड़ी हो गई और पुरुष परिचालक को घटना की जानकारी दी। मेरे कपड़े, जूते और बैग सभी पर पेशाब था। उस बैग में मेरा पासपोर्ट, यात्रा संबंधी दस्तावेज और पैसे थे। विमान में मौजूद चालक दल के सदस्यों ने उसे छूने से इनकार कर दिया, मेरे बैग और जूतों पर रोगाणुमुक्त करने वाला पदार्थ स्प्रे किया गया फिर वे मुझे शौचालय ले गए और पहनने को एयरलाइन का पजामा और मोजे दिए।’’
पीड़िता ने कहा, ‘‘ मैंने उनसे मेरी सीट बदलने को कहा पर उन्होंने कहा कि कोई और सीट खाली नहीं है। हालांकि बिजनेस क्लास में मौजूद एक अन्य यात्री मेरे लिए आवाज उठा रहा था, और उसने कहा कि ‘फर्स्ट क्लास’ में एक सीट खाली है।’’
प्राथमिकी के अनुसार, 20 मिनट तक खड़े रहने के बाद चालक दल के सदस्यों ने वह छोटी सीट महिला को दी, जिसका इस्तेमाल वह लोग अपने लिए करते हैं। इस सीट पर बैठकर महिला ने करीब दो घंटे का सफर तय किया। फिर उनसे जब अपनी सीट पर वापस जाने को कहा गया तो उन्होंने मना कर दिया। उनके मना करने के बाद उन्हें आगे के सफर के लिए विमान परिचालक की एक सीट दी गई।
प्राथमिकी के अनुसार, इसके बाद विमान के चालक दल के सदस्यों ने पीड़िता को बताया कि आरोपी माफी मांगना चाहता है। जवाब में, महिला ने कहा कि वह आरोपी से न तो बात करना चाहती है और न ही उसका चेहरा देखना चाहती है। महिला ने कहा कि विमान के उतरते ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाना चाहिए।
प्राथमिकी में पीड़ित महिला के हवाले से कहा गया, ‘‘बहरहाल चालक दल के सदस्य मेरी इच्छा के विरुद्ध उसे मेरे सामने ले आए और हमें एक-दूसरे के सामने बैठाया गया। मैं हैरान रह गई जब वह रोने लगा और गिड़गिड़ाते हुए माफी मांगनी शुरू कर दी। उसने मुझसे शिकायत न करने को कहा क्योंकि वह नहीं चाहता था कि इस घटना की वजह से उसकी पत्नी और बच्चे परेशान हों। मैं पहले से ही बहुत परेशान थी तथा उससे सामना करवा कर मुझे और प्रताड़ित किया गया।’’
मीहिला ने आरोप लगाया कि चालक दल के सदस्यों का रवैया ‘‘बिल्कुल भी पेशेवराना नहीं था’’ और वे ‘‘संवेदनशील व तनावपूर्ण स्थिति’’ को संभालने में सक्षम नहीं थे।
उन्होंने बताया कि उनके दामाद ने 27 नवंबर को एअर इंडिया को शिकायत भेजी और एयरलाइन टिकट के पैसे वापस देने को राजी हो गई। हालांकि केवल राशि का आंशिक हिस्सा ही लौटाया गया।
महिला ने कहा कि उन्होंने जो ‘‘दर्दनाक अनुभव किया उसके लिए यह बिल्कुल भी पर्याप्त नहीं है।’’
पुलिस ने बताया कि आरोपी को देश से बाहर जाने से रोकने के लिए उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। उसकी तलाश जारी है।
पीड़ित महिला की शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 294, 354, 509, 510 और विमान कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एअर इंडिया ने बुधवार को कहा था कि आरोपी यात्री पर विमान में यात्रा करने पर 30 दिन का प्रतिबंध लगाया गया है और स्थिति से निपटने में चालक दल के सदस्यों से हुई चूक की जांच के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया गया है।
एअर इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कैंपबेल विल्सन ने एयरलाइन कर्मचारियों के साथ एक आंतरिक संवाद में कहा कि उड़ान में किसी भी अनुचित व्यवहार की तुरंत जानकारी दें, भले ही ऐसा प्रतीत क्यों न हो कि मामला निपट गया है।
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