विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग की
केंद्र सरकार ने आज होने वाली नीट पीजी की परीक्षा स्थगित कर दी है। इस पर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा है। विपक्ष ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग भी की है।
नई दिल्ली (आरएनआई) केंद्र सरकार ने आज होने वाली नीट पीजी की परीक्षा स्थगित कर दी है। इस पर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा है। विपक्ष ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग भी की है। वहीं, डॉक्टरों ने भी परीक्षा स्थगित होने पर निराशा जताई है। आइये जानते हैं किसने क्या प्रतिक्रिया दी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि उसने कुछ प्रतियोगी परीक्षाओं की शुचिता पर हाल ही में लगे आरोपों के मद्देनजर एहतियात के तौर पर 23 जून को होने वाली नीट-पीजी प्रवेश परीक्षा को स्थगित करने का फैसला किया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, अब नीट-पीजी भी स्थगित! यह नरेंद्र मोदी के राज में बर्बाद हो चुकी शिक्षा व्यवस्था का एक और दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण है। भाजपा राज में छात्र अपना करियर बनाने के लिए ‘पढ़ाई’ नहीं, अपना भविष्य बचाने के लिए सरकार से ‘लड़ाई’ लड़ने को मजबूर है। अब यह स्पष्ट है कि हर बार चुपचाप तमाशा देखने वाले मोदी पेपर लीक रैकेट और शिक्षा माफिया के आगे पूरी तरह से बेबस हैं। नरेंद्र मोदी की अक्षम सरकार छात्रों के भविष्य के लिए सबसे बड़ा खतरा है। हमें देश के भविष्य को उससे बचाना ही होगा।
वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके आसपास के लोगों की 'पूर्ण अक्षमता' के कारण देश में हर दिन परीक्षा रद्द हो रही है। रमेश ने शनिवार को एक्स पर पोस्ट में कहा, गैर-जैविक प्रधानमंत्री और उनके आसपास के लोगों की पूर्ण अक्षमता के कारण परीक्षा रद्द होने की खबर के बिना कोई दिन पूरा नहीं होता है। स्थगित की जाने वाली नवीनतम परीक्षा नीट-पीजी है, जो कल आयोजित होने वाली थी।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एक्स पर पोस्ट में कहा, यह सरकार परीक्षा आयोजित करने में सक्षम नहीं है। सरकार युवाओं के बीच अपना विश्वास पूरी तरह से खो चुकी है। जो शिक्षा मंत्री चार दिन पहले राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को क्लीन चिट दे रहे थे, वे अब एनटीए के महानिदेशक को हटा रहे हैं। परीक्षाओं के लिए कौन जिम्मेदार है? यह जांच कब हो पाएगी? क्या परीक्षा ठीक से होगी, लोगों को इन सवालों के जवाब नहीं मिल रहे हैं।
वहीं, शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा, सिर्फ एनटीए के अधिकारियों को बदलने से कुछ नहीं होगा। सबसे पहले तो धर्मेंद्र प्रधान को तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देना चाहिए और किसी नए मंत्री को यह जिम्मेदारी देनी चाहिए, अन्यथा करोड़ों छात्रों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा, जो इस समय सड़कों पर उतर रहे हैं। विपक्ष के तौर पर हम यही मांग कर सकते हैं कि आप तत्काल प्रभाव से योग्य लोगों को लाएं, जो निष्क्रिय और उदासीन हैं, उन्हें उनके पदों से हटाएं।
शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (सपा) ने एनईईटी-पीजी प्रवेश परीक्षा को स्थगित करने के मद्देनजर केंद्र पर उम्मीदवारों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। साथ ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग की। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने कहा, अपना काम करने में असमर्थता के कारण सरकार बच्चों के जीवन और भविष्य के साथ खेल रही है। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक सुबोध सिंह को हटाए जाने पर क्रैस्टो ने कहा कि धर्मेंद्र प्रधान अपना कर्तव्य निभाने में विफलता से खुद को मुक्त नहीं कर सकते। उन्हें मंत्री पद से हट जाना चाहिए। उन्हें देश में परीक्षा प्रक्रिया में सभी गड़बड़ियों और कदाचारों के लिए जवाबदेही स्वीकार करनी चाहिए।
एनईईटी-पीजी परीक्षा स्थगित होने पर (एफएआईएमए डॉक्टर्स एसोसिएशन) के अध्यक्ष डॉ. रोहन कृष्णन दुख जताया है। उन्होंने कहा, आखिरी समय में एनईईटी-पीजी परीक्षा स्थगित होना हम सभी के लिए बहुत दुखद है। सभी उम्मीदवार विभिन्न शहरों में परीक्षा केंद्रों पर पहुंच चुके थे। मुझे उम्मीद है कि राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड के पास इस परीक्षा को स्थगित करने के ठोस कारण थे और उन्हें तत्काल जवाब देना चाहिए। मैं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से अनुरोध करता हूं कि वह आगे आएं और बताएं कि परीक्षा स्थगित करने का कारण क्या था? मैं छात्रों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम उनके साथ खड़े हैं और यह सुनिश्चित करेंगे कि अगली तारीख पर्याप्त समय के साथ दी जाए।
नीट-पीजी की परीक्षा आखिरी समय में स्थगित करने पर यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. लक्ष्य मित्तल ने इसे डॉक्टरों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ बताया है। उन्होंने कहा, परीक्षा आखिरी समय में रद्द कर दी गई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में उल्लेख किया है कि परीक्षा की सत्यनिष्ठा और संवेदनशीलता को देखते हुए इसे स्थगित कर दिया गया है। यह नीट-यूजी के बाद एक और घोटाला है। अभ्यर्थियों ने राज्यों में यात्रा की है और 10 घंटे बाद परीक्षा रद्द कर दी गई है, यह डॉक्टरों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने से कम नहीं है। एनईईटी पीजी और एनईईटी यूजी दोनों के संचालन अधिकारियों की जांच की जानी चाहिए।
बिहार के सीवान में एबीवीपी के महासचिव याज्ञवल्क्य शुक्ला ने कहा, अगर राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड या स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को किसी भी तरह का संदेह था, तो उन्हें पूरी पारदर्शिता के साथ उम्मीदवारों के सामने सब कुछ लाना चाहिए था। छात्र संगठन सरकार और राष्ट्रीय शिक्षा बोर्ड से मांग करते हैं कि छात्रों को इस कदम के पीछे के कारणों और परिस्थितियों को जानने का अधिकार है।
वहीं, परीक्षा स्थगित होने पर जेएनयूएसयू अध्यक्ष धनंजय का कहना है कि छात्र इस परीक्षा में बैठने के लिए शहरों में यात्रा करते हैं। इस सरकार ने छात्रों को कई स्तरों पर विफल कर दिया है।
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) इंडिया के महासचिव डॉ. सर्वेश पांडे ने कहा, नीट पीजी सभी उम्मीदवारों के लिए एक मानसिक आघात है। फोर्डा इस मुद्दे को आगे बढ़ाएगा। हम मांग करते हैं कि परीक्षा को जल्द से जल्द फिर से आयोजित किया जाए।
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