विधानसभा सत्र की पूर्व संध्या पर चाय पार्टी का बहिष्कार करेगा विपक्ष, अंबादास दानवे के घर पर बैठक
महाराष्ट्र के विपक्षी दलों ने विधानसभा सत्र की पूर्व संध्या पर चाय पार्टी का बहिष्कार करने की घोषणा की। उनका कहना है कि सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान नहीं किया है।

मुंबई (आरएनआई) महाराष्ट्र के विपक्षी दलों ने रविवार को कहा कि वह विधानसभा के बजट सत्र की पूर्व संध्या पर होने वाली पारंपरिक चाय पार्टी का बहिष्कार करेंगे। उन्होंने दावा किया कि सरकार कई जरूरी मुद्दों को हल करने में विफल रही है। उन्होने 'दागी' मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल करने, महिलाओं पर बढ़ते हमलों और विपक्षी नेताओं के क्षेत्रों में धन जारी न करने के बारे में सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं की टिप्पणियों पर चिंता जताई।
राज्य में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) राज्य में प्रमुख विपक्षी दलों का गठबंधन है, जिसमें कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं। वहीं, सत्तारूढ़ भाजपा, शिवसेना और राकांपा का महायुति गठबंधन है।
मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए शिवसेना (यूबीटी) विधायक अंबादास दानवे ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार को कई सुझाव दिए हैं। लेकिन उनमें से किसी को भी स्वीकार नहीं किया गया और न ही किसी पर चर्चा की गई। दानवे ने कहा, चाहे वह धारावी झुग्गी पुनर्विकास के लिए अदाणी समूह को दी गई कथित अतिरिक्त जमीन हो या फ्रांसीसी कंपनी सिस्टोरा इंडिया की ओर से मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) पर गंभीर उत्पीड़न का आरोप हो, सरकार लोगों की समस्याओं पर कम चिंतित दिखती है।
शिवसेना (यूबीटी) नेता ने 'मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना' के तहत लाभार्थियों की संख्या में कटौती करने के सरकार के कदम की आलोचना की और कहा कि यह योजना सोयाबीन और कपास उत्पादकों का समर्थन करने में विफल रही है। दानवे ने अपने आवास पर एमवीए के नेताओं की बैठक बुलाई, ताकि विधानसभा सत्र से पहले रणनीति बनाई जा सके। उन्होंने कहा कि वह बीड़ के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या, कृषि विभाग के कथित घोटाले, किसान कर्जमाफी और भाजपा नेता प्रशांत कोरटकर से जुड़े कथित अनियमितताओं जैसे मुद्दों पर फोकस करेंगे।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार अपराध और महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े मामलों में निर्णायक कार्रवाई करने में विफल रही है। दानवे ने कहा, संतोष देशमुख की हत्या के आरोप कृष्णा अंधाले तीन महीने से फरार है। राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, प्रशांत कोरटकर ने इतिहासकार इंद्रजीत सावंत को धमकी दी है, उनको सरकारी संरक्षण हासिल है। उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजा जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बावजूद अभिनेता राहुल सोलापुरकर को एक सरकारी समिति में शामिल किया गया है। यह सरकार उन लोगों को बचा रही है, जो ऐतिहासिक व्यक्तित्वों का अपमान करते हैं। उन्होंने दावा किया कि सरकार किसान कर्ज माफी और सोयाबीन व कपास जैसी फसलों की खरीद से जुड़े अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है। किसानों को ऋण राहत के झूठे वादों से लुभाया गया था। घोषणाओं के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
दानवे ने यह भी कहा कि सरकार ने मुंबई के लिए चार हजार करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, लेकिन पूरे शहर में सड़कों को खोद दिया। नागरिकों के लिए चलना भी मुश्किल है। बजट सत्र 26 मार्च तक चलेगा।
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