विद्युत विभाग नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों में पक्षकारों को प्रदान करें अधिकतम छूट - प्रधान जिला न्यायाधीश श्री मिश्र

गुना (आरएनआई) राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली व म0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेशानुसार दिनांक 08 मार्च, 2025 शनिवार को प्रदेश में उच्च न्यायालय स्तर से समस्त जिला एवं तहसील मुख्यालयों पर नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। जिला गुना में भी में प्रधान जिला न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गुना अमिताभ मिश्र के मार्गदर्शन में जिला मुख्यालय गुना, तहसील न्यायालय चांचौड़ा/राधौगढ़/आरोन में भी नेशनल लोक अदालत आयोजित की जा रही है।
प्रधान जिला न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गुना अमिताभ मिश्र ने आज वीडियों कॉंफ्रेंसिंग हॉल जिला न्यायालय परिसर, गुना में विशेष न्यायाधीश, विद्युत राघवेन्द्र भारद्वाज के साथ महा प्रबंधक विद्युत विभाग पी.आर. पाराशर के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की। प्रधान जिला न्यायाधीश श्री मिश्र ने विद्युत विभाग को निर्देशित करते हुये कहा कि प्रीलिटिगेशन एवं लिटिगेशन प्रकरणों में अधिक से अधिक प्रकरणों में पक्षकारों को अधिक से अधिक छूट प्रदान करें। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 08 मार्च, 2025 को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 एवं 135 के अंतर्गत दर्ज प्रकरणों में छूट प्रदान की जावेगी। समस्त घरेलू, समस्त कृषि 05 किलोवाट भार तक के गैर घरेलू, 10 अश्वशक्ति भार तक के औधौगिक उपभोक्ताओं को निम्नानुसार छूट दी जावेगी।
प्रीलिटिगेशन स्तर परः- कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किए जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जावेगी।
लिटिगेशन स्तर परः- कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किए जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जावेगी।
उपरोक्तानुसार छूट तभी प्राप्त होगी जब आवेदक छूट के उपरांत शेष आंकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का भुगतान एकमुश्त करेगा, उपभोक्ता के नाम से अन्य कोई विद्युत प्रभार वसूलनीय न हो व एक बार छूट का लाभ प्राप्त करने के पश्चात पुनः छूट का लाभ प्राप्त नहीं होगा। सामान्य विद्युत देयकों के विरूद्ध बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जावेगी तथा उपरोक्तानुसार दी जा रही छूट आंकलित सिविल दायित्व राशि रूपये 10 लाख (दस लाख रूपये) तक के प्रकरणों के लिये सीमित रहेगी। उक्त छूट केवल दिनांक 08 मार्च, 2025 को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत के समक्ष रखे जाने प्रकरणों पर ही लागू होगी।
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