विदेश मंत्री ने बताया क्वाड क्यों है बेहद अहम
विदेश मंत्री ने क्वाड की अहमियत बताते हुए कहा कि 'क्वाड का गठन वैश्विक व्यवस्था में बदलाव से प्रेरित है, जो समान विचारधारा वाले देशों के बीच ज्यादा से ज्यादा समन्वय को प्रेरित करता है।
नई दिल्ली (आरएनआई) भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने शनिवार को नई दिल्ली में आयोजित हो रहे रायसीना डायलॉग कार्यक्रम के दौरान बताया कि आज के समय में क्वाड की क्या अहमियत है। उन्होंने कहा कि क्वाड का गठन बहुध्रुवीय व्यवस्था के विकास और शीत युद्ध के बाद की सोच को दर्शाता है। विदेश मंत्री ने कहा कि 'क्वाड क्यों अहम है? इसका सीधा सा जवाब है कि ये पूरी दुनिया के हित में है। क्वाड का गठन वैश्विक व्यवस्था में बदलाव से प्रेरित है, जो समान विचारधारा वाले देशों के बीच ज्यादा से ज्यादा समन्वय को प्रेरित करता है।'
विदेश मंत्री ने बताया कि 'क्वाड के प्रमुख तौर पर पांच संदेश हैं। जिनमें पहला बहुध्रुवीय व्यवस्था के विकास को दर्शाता है। दूसरा यह शीत युद्ध के बाद की सोच, तीसरा किसी देश पर दबाव बनाने की प्रवृत्ति के खिलाफ, चौथा लोकतंत्रीकरण और सहयोग के दृष्टिकोण को दर्शाने वाला और पांचवां आज कोई भी हमारी पसंद पर मनमर्जी से वीटो नहीं कर सकता।' संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन ने कई बार भारत के प्रस्ताव पर वीटो किया है। ऐसे में विदेश मंत्री के बयान को चीन से जोड़कर देखा जा रहा है। विदेश मंत्री ने कहा कि क्वाड हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र की चुनौतियों और इसके मुद्दों पर फोकस है। इनमें मेरीटाइम सिक्योरिटी, इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी, साइबर सिक्योरिटी और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई प्रमुख हैं।
विदेश मंत्री ने रायसीना डायलॉग कार्यक्रम में क्वाड थिंक टैंक फोरम सत्र के दौरान अपने संबोधन में ये बातें कही। यह सत्र प्रमुख तौर पर क्वाड पर केंद्रित था। जयशंकर ने बताया कि साल 2004 में सुनामी के हालात से निपटने के लिए पहली बार क्वाड बनाया गया था और जापान के तत्कालीन पीएम शिंजो अबे ने इसका विचार दिया था। इसके बाद साल 2017 में औपचारिक रूप से क्वाड गठित हुआ और इसकी विदेश मंत्री स्तर की पहली बैठक हुई। सत्र में मौजूद रहे अमेरिका के उप-विदेश मंत्री कर्ट कैंपबेल ने कहा कि क्वाड में इसके चारों सदस्य देशों के संसाधनों और क्षमताओं को विकसित करने की योग्यता है, जिससे बेहतर नतीजे निकलेंगे और सभी को फायदा होगा।
क्वाड एक चतुष्कोणीय सुरक्षा संवाद समूह है, जिसके सदस्य देशों में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। चीन की हिंद प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए साल 2017 में क्वाड का गठन किया गया था। विदेश मंत्री ने बीते दिनों अपने एक बयान में कहा था कि आने वाले समय में क्वाड की प्रासंगिकता बढ़ेगी और यह वैश्विक भू-राजनीति में एक बड़ा कारक बनेगा।
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