विदेशी दौरे पर परिवार को ले जाने की पाबंदी से खुश नहीं हैं खिलाड़ी, रोहित की बातों से हुआ खुलासा
रोहित जब मीडिया को संबोधित करने के लिए कुर्सी पर बैठे तो वह अगरकर के साथ कुछ बात कर रहे थे। रोहित को नहीं पता था कि माइक की आवाज ऑन है। रोहित इस दौरान अगरकर से बीसीसीआई के उस फैसले के बारे में बात करते दिखे जिसमें बोर्ड ने विदेशी दौरे पर खिलाड़ियों के परिवार की भागीदारी सीमित कर दी थी।
मुंबई (आरएनआई) भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने शनिवार को अगले महीने होने वाले चैंपियंस ट्रॉफी और इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज के लिए भारतीय टीम का एलान किया। इसकी घोषणा भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके की। भारतीय टीम चुनने के लिए रोहित और अगरकर के बीच लंबी चर्चा हुई जिस कारण प्रेस कॉन्फ्रेंस में देरी हुई।
पत्रकार काफी देर से रोहित का प्रेस कॉन्फ्रेंस में आने का इंतजार कर रहे थे। रोहित जब मीडिया को संबोधित करने के लिए कुर्सी पर बैठे तो वह अगरकर के साथ कुछ बात कर रहे थे। रोहित को नहीं पता था कि माइक की आवाज ऑन है। रोहित इस दौरान अगरकर से बीसीसीआई के उस फैसले के बारे में बात करते दिखे जिसमें बोर्ड ने विदेशी दौरे पर खिलाड़ियों के परिवार की भागीदारी सीमित कर दी थी।
रोहित अगरकर से बोलते सुनाई दिखे, 'परिवार का नियम चर्चा करने के लिए अब मेरे को सचिव के साथ वापस बैठना पड़ेगा। सभी खिलाड़ी मेरे को फोन कर रहे हैं।' दिलचस्प बात है कि रोहित इतना कहकर रुक गए और पत्रकारों से बात करने लगे। इस पर कोई प्रतिक्रिया आती उससे पहले ही अगरकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत कर दी और चैंपियंस ट्रॉफी तथा इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए टीम का एलान किया।
रोहित की बातों से यह स्पष्ट हो गया है कि ड्रेसिंग रूम में सब सही नहीं चल रहा है। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में मिली करारी हार के बाद बीसीसीआई ने कड़े फैसले लिए थे जिसमें 45 दिन से अधिक के विदेशी दौरे पर खिलाड़ियों को परिवार को दो सप्ताह तक ही अपने साथ रखने की अनुमति दी गई थी। आमतौर पर खिलाड़ी पत्नी या परिवार के अन्य सदस्यों को दौरों पर साथ रखते हैं, लेकिन बीसीसीआई ने इस पर सख्त रवैया अपनाया था।
बीसीसीआई ने इसके अलावा सभी खिलाड़ियों के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना अनिवार्य कर दिया गया था और विदेशी दौरे पर निजी स्टाफ पर रोक लगा दी थी। इसके अलावा खिलाड़ी सीरीज के दौरान व्यक्तिगत विज्ञापन की शूटिंग भी नहीं कर पाएंगे। 10 सूत्रीय नीति का पालन करना अनिवार्य होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो बीसीसीआई कार्रवाई करेगा। अब से खिलाड़ियों को दौरे में अलग से यात्रा की अनुमति नहीं होगी तथा मैच के जल्दी समाप्त होने पर उन्हें जल्दी नहीं जाने दिया जाएगा।
यह नीति राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में अनुशासन और एकजुटता को बढ़ावा देने के लिए लागू की गई है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज हार और न्यूजीलैंड के खिलाफ घर पर सूपड़ा साफ होने के बाद टीम में गुट बनने और खिलाड़ियों के एकसाथ न बैठने की खबरें सामने आ रही थीं। ऐसे में बीसीसीआई ने इस नीति को लागू करना आवश्यक समझा ताकि खिलाड़ियों के प्रदर्शन और प्रतिबद्धता को बेहतर किया जा सके।
बीसीसीआई ने यह कदम मुख्य कोच गौतम गंभीर के कहने पर किया है। कोच ने स्टार कल्चर को खत्म करने की मांग की है। गंभीर ने टीम के हालिया खराब प्रदर्शन की समीक्षा बैठक में इन प्रतिबंधों की मांग की थी।
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