'वित्तीय बोझ में कमी से लेकर संसाधनों के सही उपयोग तक..', राष्ट्रपति ने 'एक देश-एक चुनाव' पर कही यह बात
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जनता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि ये विधेयक देश में वित्तीय बोझ घटाने में मददगार होगा।
नई दिल्ली (आरएनआई) गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जनता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कई सारे मुद्दों पर चर्ची की, जिसमें प्रमुख तौर पर 'एक देश एक चुनाव' का भी शामिल है। जहां राष्ट्रपति ने पहली बार इस विधेयक पर खुलकर बातचीत की और अपना विचार साझा किया।
राष्ट्रपकि द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को जनता को किए संबोधन में 'एक देश, एक चुनाव' विधेयक को एक महत्वपूर्ण सुधार बताया। उन्होंने कहा कि 'एक देश एक चुनाव' देश में सुशासन को बेहतर बनाएगा। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से चुनावों को एक साथ कराने से नीतियों में रुकावटें कम होंगी, संसाधनों का सही तरीके से उपयोग होगा, और वित्तीय बोझ भी घटेगा। इसके अलावा, इससे और भी कई फायदे हो सकते हैं।
इसके साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यह भी कहा कि सरकार ब्रिटिश काल के पुराने कानूनों को बदलने की कोशिश कर रही है और इसके तहत कुछ नए कानून लाए गए हैं, जो पुराने आपराधिक कानूनों को खत्म करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बार-बार एक साथ चुनाव कराने की जरूरत पर जोर देते रहे हैं। उनका कहना है कि चुनावों के अलग-अलग समय में होने से काफी खर्च और व्यवधान होते हैं। हालांकि केंद्र सरकार के इस विधेयक पर कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष ने विरोध जताते हुए भाजपा पर एकात्मक शासन लगाने का आरप लगाया।
इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा- हमारी परंपराओं और रीति-रिवाजों को संरक्षित करने तथा उनमें नई ऊर्जा का संचार करने के लिए संस्कृति के क्षेत्र में अनेक उत्साह-जनक प्रयास किए जा रहे हैं। मुझे प्रसन्नता है कि गुजरात के वडनगर में भारत के प्रथम पुरातात्विक अनुभवात्मक संग्रहालय का कार्य पूरा होने वाला है। शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर शिक्षण- माध्यम के रूप में क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। राष्ट्रपति ने कहा, बढ़ते आत्मविश्वास के साथ हम अनेक प्रयासों के बल पर अत्याधुनिक अनुसंधान में अपनी भागीदारी बढ़ा रहे हैं।
राष्ट्रपति ने इस मौके पर इसरो की उपलब्धियों और खिलाड़ियों के प्रदर्शन की भी सराहना की है। उन्होंने कहा, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने हाल के वर्षों में अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में बहुत बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय प्रगति के बल पर हम अपना सिर ऊंचा करके भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। वर्ष 2024 में डी. गुकेश ने अब तक का सबसे कम उम्र का विश्व चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया।
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