विजयन के सनातन धर्म वाले बयान पर कांग्रेस हमलावर, संघ परिवार को फायदा पहुंचाने के प्रयास का लगाया आरोप
शिवगिरी तीर्थयात्रा के तहत एक कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री विजयन ने मंगलवार को कहा था कि सनातन धर्म को महज वर्णाश्रम धर्म (जातिगत व्यवस्था) के रूप में दिखाने का संगठित प्रयास हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह वही व्यवस्था है, जिसका समाज सुधारक श्री नारायण गुरु ने विरोध किया था।
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केरल (आरएनआई) कांग्रेस नेता वी.डी. सतीशन ने बुधवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के सनातन धर्म पर दिए गए बयान की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि यह सनातन धर्म को संघ परिवार तक सीमित करने का प्रयास है। कांग्रेस नेता ने पत्रकारों से कहा, 'सनातन धर्म एक सांस्कृतिक विरासत है। इसमें अद्वैत, 'तत त्वम् असि', वेद, उपनिषद और उनका सार समाहित है। इसे केवल संघ परिवार से जोड़ना भ्रामक है।'
शिवगिरी तीर्थयात्रा के तहत एक कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री विजयन ने मंगलवार को कहा था कि सनातन धर्म को महज वर्णाश्रम धर्म (जातिगत व्यवस्था) के रूप में दिखाने का संगठित प्रयास हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह वही व्यवस्था है, जिसका समाज सुधारक श्री नारायण गुरु ने विरोध किया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए वीडी सतीसन ने कहा, 'अगर ऐसा कहा जाए कि मंदिर जाने वाला, चंदन लगाने वाला या भगवा पहनने वाला हर व्यक्ति आरएसएस का है, तो यह गलत होगा। सनातन धर्म और इसकी विरासत को संघ परिवार को सौंपना अनुचित है। मुख्यमंत्री का यह कहना गलत है।'
उन्होंने कहा कि हर धर्म में, जैसे अन्यायपूर्ण पुरोहितवाद, राजतंत्र या शासकीय प्रणालियों का दुरुपयोग हुआ है, वैसे ही हिंदू धर्म में भी हुआ। सतीसन ने आगे कहा, 'हम वर्णाश्रम या चातुर्वर्ण्य प्रणाली का समर्थन नहीं करते। यहां तक कि श्री नारायण गुरु ने भी सनातन धर्म का सार समझाया है। इसे पूरी तरह खारिज करना या इसे सिर्फ संघ परिवार का कहना सही नहीं है।' उन्होंने यह भी कहा कि सनातन धर्म का कोई सांप्रदायिक दृष्टिकोण नहीं है और मुख्यमंत्री ने इसे गलत तरीके से प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री की बात गलत है। पहले लोग 'भगवाकरण' की बात करते थे, जो गलत समझा और इस्तेमाल किया गया। इस तरह की कहानियों के जरिए सभी हिंदुओं को आरएसएस से जोड़ना सही तरीका नहीं है।
केपीसीसी प्रमुख के. सुधाकरण ने भी शिवगिरी तीर्थयात्रा में एक अन्य कार्यक्रम में सीएम विजयन की बात का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि गुरु के आदर्शों को चातुर्वर्ण्य और वर्णाश्रम में समेटने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा 'क्या यह सच नहीं है कि 'एक जाति, एक धर्म, एक ईश्वर' का संदेश देने वाले महान संत श्री नारायण गुरु को सनातन धर्म के नाम पर चातुर्वर्ण्य और वर्णाश्रम की सीमाओं में बांधने का प्रयास हो रहा है? हमें स्पष्ट रूप से कहना चाहिए कि गुरु को इस तरह किसी को भी सौंपा नहीं जा सकता,'।
मुख्यमंत्री के बयान पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि सीएम विजयन ने शिवगिरी की पवित्र भूमि पर सनातन धर्म का अपमान किया है। भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने श्री नारायण गुरु के अनुयायियों का अपमान किया है। भाजपा नेता वी. मुरलीधरन ने कहा 'विजयन के भाषण का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म से नफरत करना था। उनका बयान उदयनिधि स्टालिन के उस बयान का विस्तार था, जिसमें उन्होंने कहा था कि सनातन धर्म को खत्म करना चाहिए,'।
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