वायनाड त्रासदी को संसद में उठाएंगे राहुल गांधी, पीड़ितों के लिए घर बनाने में मदद करेगा NSS
वायनाड (आरएनआई) केरल के वायनाड में मंगलवार को हुए भूस्यकलन ने तबाही मचा दी। अबतक इस भूस्खलन के कारण मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 276 पर पहुंच चुका है। अभी भी करीब 250 लोग लापता है और मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने के लिए बचाव कार्य जारी है। बारिश और विपरित परिस्थियों का सामना करते हुए बचावकर्मियों ने शुक्रवार को यानी की तौथे दिन भी बचाव कार्य शुरू किया। 190 फुट बेली ब्रिज के पूरा होने कारण सुबह से जारी राहत और बचाव अभियान में गति मिली। यह ब्रिज अब सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र मुंडक्कई और चूरलमाला तक एंबुलेंस की सुविधा पहुंचाने में मदद करेगा।
केरल के उच्च शिक्षा विभाग की मंत्री आर. बिंदु ने शुक्रवार त्रिशूर में कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएनएस) उन 150 परिवारों के लिए घरों का निर्माण करेगी, जिन्होंने हाल ही में वायनाड में हुए भूस्खलन के कारण अपने घर खो दिए हैं।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने वायनाड भूस्खलन पर बात की। उन्होंने कहा, "मैं कल से यहां हूं। यह एक भयानक त्रासदी है। हमने आज प्रशासन के साथ बैठक की। उन्होंने हमें हताहतों की संख्या के बारे में बताया। हमने उनसे कहा कि हम यहां उनकी मदद के लिए हैं। केरल ने ऐसी त्रासदी नहीं देखी थी। यहां के मुख्यमंत्री से हमने बात की और कहा कि यह त्रासदी का एक अलग स्तर है। इससे अलग तरीके से निपटना होगा।" कई रिपोर्ट में दावा किया गया है क कांग्रेस ने इस हादसे के पीड़ितों के लिए 100मकान बनाने का भी वादा किया।
भाजपा नेता वी. मुरलीधरन ने वायनाड में भूस्खलन पर मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि हम लोगों को बचाने में सक्षम होंगे, उम्मीद करते हैं कि जब राहत अभियान आगे बढ़ेगा तो हम और अधिक लोगों की जान बचा पाएंगे। मेरे पास 18 और 25 तारीख को दी गई चेतावनी की प्रतियां भी हैं, जिसमें कहा गया है कि अलर्ट था और एहतियाती उपाय किए जाने चाहिए, अगर ऐसा नहीं किया जा सका तो सरकार को पता लगाना चाहिए कि गलती किसकी थी और फिर आवश्यक कदम उठाने चाहिए। सदन के सामने तथ्य रखना गृह मंत्री की जिम्मेदारी है। राज्य सरकार को विस्तार से सोचना होगा और योजना बनानी होगी कि कैसे अवैध संरचनाओं की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। केरल में लगभग 240 अवैध निर्माणों में से 100 वायनाड में हैं, ऐसे अवैध निर्माण की अनुमति कैसे न दी जाए, पारिस्थितिकी की सुरक्षा कैसे की जाए, जब भारी बारिश हो तो लोगों को तुरंत वहां से हटाया जाए, इन सबके बारे में राज्य सरकार को सोचना चाहिए।
कॉलम कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राहुल ने वायनाड में राहत एवं बचाव अभियान पर हा कि बचाव अभियान जारी है। आज यह चौथा दिन है, कल JCB की मदद से मलबा हटाया गया। हमारे साथ डॉग स्कॉयड भी मौजूद है। आर्मी, एसओजी, आईआरडब्ल्यू आदि के साथ मिलकर हम मलबा हटाकर शवों को निकाल रहे हैं।
वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में खोज और बचाव अभियान पर ब्रिगेडियर अर्जुन सेगन(पैरा रेजिमेंटल ट्रेनिंग सेंटर के कमांडेंट) ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, "आज खोज और बचाव अभियान का चौथा दिन है और रास्ता खोला जा रहा है ताकि यहां पर उपकरण पहुंच सके। यहां पर घर और दुकाने थी लेकिन पानी के बहाव से सब कुछ बह गए और टूट चुके हैं। हम जहां पर खड़े हैं ये 80-100 फीट ऊपर हैं इससे अंदाजा लग सकता है पानी का बहाव कितना तेज था। जहां-जहां लोगों के फंसे होने की आशंका है वहां तलाशी की जा रही है। अभी तक यहां कोई शव नहीं मिला है लेकिन यहां पर कल शव मिले थे इसलिए आज विस्तृत में तलाशी की जा रही है।
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