वन माफिया के हौसले बुलंद धड़ल्ले से कर रहे हरे-भरे सरकारी पेड़ों की कटाई, जानकर अनजान बना वन विभाग

Dec 11, 2022 - 23:35
Dec 12, 2022 - 00:17
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वन माफिया के हौसले बुलंद धड़ल्ले से कर रहे हरे-भरे सरकारी पेड़ों की कटाई, जानकर अनजान बना वन विभाग

कछौना, हरदोई (आर एन आई) उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भले ही हर घर हरियाली जैसी योजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च कर क्षेत्र को हरा-भरा करने का प्रयास कर रही हो, लेकिन वन रेंज कछौना क्षेत्र में वन विभाग के बेलगाम अधिकारियों और कर्मचारियों/प्राइवेट कर्मियों के चलते ये योजनाएं सफल होना तो दूर यहां वर्षों पहले लगे हुए हरे-भरे प्रतिबंधित पेड़-पौधे भी इनकी मिलीभगत से वन माफियाओं द्वारा धड़ल्ले से काटे जा रहे हैं, जिससे वन क्षेत्र कछौना में हरियाली की बात करना बेमानी साबित हो रही है।

बतातें चलें वन क्षेत्र कछौना के अंतर्गत शारदा नगर लखनऊ ब्रांच की बीच सुखी नहर में वृक्षारोपण 2014 में 20 एकड़ भूमि पर किया गया था। यहां पर हरियाली के चलते काफी रमणीय स्थल लगता था। परन्तु ग्राम पंचायत महरी के ग्राम मढ़िया, अंटा व डबल नहर पुल तक वन माफियाओं ने प्रतिबंधित सरकारी अर्जुन, शीशम सहित अन्य सैकड़ों पेड़ों को काटकर ठिकाने लगा दिया है, और जिम्मेदार सिर्फ देखते ही रहे। दरअसल, यहां जिन्हें वन की रखवाली का जिम्मा सौंपा गया है। वही हरियाली के दुश्मन बन गए हैं। पुलिस और वन विभाग की मिलीभगत से यह पूरा खेल चल रहा है, जिससे क्षेत्र में प्रतिदिन बड़ी संख्या में प्रतिबंधित पेड़ों की कटान की जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वन माफिया अर्जुन, शीशम सहित अन्य पेड़ों पर आरा चला रहे हैं, और लोग विभाग के लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे है, ताकि क्षेत्र में हरियाली बच सके। बता दें शारदा नहर लखनऊ ब्रांच सुखी बीच नहर किलोमीटर संख्या 91, 92, 93 में लगे सैकड़ों पौधों को वन कर्मियों की मिलीभगत से प्राइवेट कर्मियों व वनमाफिया के गठजोड़ से सैकड़ों हरे भरे पेड़ों को काट कर ठिकाने लगा दिया गया है, वहां पर केवल पौधे के ठूठ को देखा जा सकता है, कहीं कहीं पौधों के ठूठ जड़ो सहित गायब कर दिये हैं, और जिम्मेदार अधिकारी इन वन माफियाओं पर नकेल कसने की बजाए इन को नजरअंदाज करते हैं, जिससे इनके हौसले बुलंद हैं और ये वनमाफ़िया बेखौफ धड़ल्ले से दिन प्रतिदिन हरे भरे पेड़ों पर आरा चला रहे हैं। उक्त मामले को लेकर वन क्षेत्राधिकारी कछौना से बात करनी चाही तो उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।

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Laxmi Kant Pathak Senior Journalist | State Secretary, U.P. Working Journalists Union (Regd.)