वकील ने जमीन के पट्टे दिलाने लिए 50-50 हजार

Aug 27, 2023 - 15:30
Aug 27, 2023 - 22:44
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वकील ने जमीन के पट्टे दिलाने लिए 50-50 हजार

गुना। (आरएनआई) राजस्थान के लोगों के साथ गुना जिले में बड़े फ्रॉड का मामला सामने आया है। ग्रामीणों का आरोप है कि एक वकील ने उन्हें फंसाकर जमीन के पट्टे दिलवाने के नाम पर उनसे 50-50 हजार रुपये ले लिए। यहां तक कि उन्हें जमीन की किताबें बनाकर भी दे दीं। इन किताबों पर बाकायदा तहसीलदार, RI और पटवारी तक की सील और हस्ताक्षर हैं। वकील हर दो-तीन महीने में उन्हें जिला कोर्ट में पेशी पर भी बुलाती रही। कोर्ट में एक कमरे में ले जाकर उनसे हस्ताक्षर करवाती और 500-600 रुपये ले लेती। नागरिक 3 वर्ष से जमीन दिलाने की बात वकील से कह रहे थे,लेकिन वह टाल देती। महिला वकील ने लगभग 140 लोगों के साथ फ्रॉड किया। उन्हें जब ठगी का एहसास हुआ तो रविवार को वह कैंट थाने शिकायत करने पहुंचे।
छीपा बड़ौद जिले के नागरिकों ने बताया कि 2020 में उनके पास कुछ व्यक्ति आएम उन्होंने कहा कि गुना जिले के बमोरी इलाके में उन्हें 15-15 बीघा जमीन के पट्टे दिलवा देंगे। उसकी किताब भी मिल जाएगी। इसके लिए 50 हजार रुपये लगेंगे। गुना में एक वकील हैं, वह जमीन दिलवा देंगी। ग्रामीणों ने यकीन कर लिया और वह गुना में आकर वकील से मिले। वकील ने उन्हें कहा कि पीपलखेड़ी गांव में जमीन का पट्टा दिला देंगे। ग्रामीणों को यकीन हो गया और उन्होंने 50-50 हजार रुपये दे दिए। दो-चार दिन बाद ही वकील ने उन्हें जमीन की किताब दे दीं। इन किताबों में बाकायदा खसरा नंबर, जमीन का क्षेत्रफल लिखा हुआ था। किताबों में पटवारी, RI और तहसीलदार के सील-सिक्के और हस्ताक्षर भी थे।
ग्रामीणों ने बताया कि वकील ने उनसे कहा था कि 6 महीने तक किसी से इस बारे में बात न करें। 6 महीने में जमीन ऑनलाइन उनके नाम हो जाएगी। ऑनलाइन के नाम पर उनसे फिर 7-7 हजार रुपये लिए गए। इसके बाद ग्रामीणों को हर दो-तीन महीने में बुलवाया जाता और कोर्ट में पेशी कराई जाती। वहां उनसे किसी कागज पर हस्ताक्षर करा लिए जाते। हर पेशी पर वकील 500-600 रुपये ले लेती। ग्रामीणों ने कई बार जमीन का कहा लेकिन किसी न किसी बहाने से उन्हें टाल दिया जाता। ग्रामीणों ने जब जोर देकर कहा तो किसी आदमी को पटवारी बताकर जमीन नापने के लिए भेज दिया। वह व्यक्ति भी ग्रामीणों को जमीन दिखाकर वापस आ गया।
लगभग 3 वर्षों तक ग्रामीण जमीन देने की कहते रहे, लेकिन उन्हें जमीन नहीं मिली। जब ग्रामीणों को जमीन नहीं मिली, तो उन्हें धोखाधड़ी का एहसास हुआ। रविवार को वह सभी इकट्ठे होकर कैंट थाने पहुंच गए। यहां उन्होंने शिकायत की। पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है। ग्रामीणों को दी गयी जमीन की किताबों की भी जांच कराई जा रही है। किताबें असली हैं या फर्जी, यह तक जांच के बाद ही सामने आ पायेगा। ग्रामीणों का आरोप है कि लगभग 140 लोगों से 50-50 हजार रुपये लिए गए एयर जमीन की फर्जी किताबें बनाकर दे दी हैं।

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