लोगों को लगा महंगी बिजली का झटका, कांग्रेस तिलमिलाई, कहा- अदाणी को लाभ पहुंचाने के लिए पिनरई सरकार...
सरकार ने शुक्रवार को वित्तवर्ष 2024-25 के लिए बिजली दरों में 16 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाने का एलान किया। यहां तक कि नई दरें पांच दिसंबर से लागू भी हो गई हैं। ऐसे में अब कांग्रेस ने राज्य सरकार पर हमला बोला।
तिरुवनंतपुरम (आरएनआई) बढ़ती महंगाई के बीच केरल के लोगों को बिजली का झटका लगा है। दरअसल, राज्य सरकार ने शुक्रवार को वित्तवर्ष 2024-25 के लिए बिजली दरों में 16 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाने का एलान किया। यहां तक कि नई दरें पांच दिसंबर से लागू भी हो गई हैं। ऐसे में अब कांग्रेस ने पिनरई सरकार पर अदाणी को लाभ देने का आरोप लगाया है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने केरल सरकार पर आरोप लगाया कि वह राज्य में बिजली खरीद प्रणाली में अदाणी को शामिल करके 'बंदरगाह से ऊर्जा तक कारोबार करने वाली कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए' बिजली की दरें बढ़ा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि 2016 में यूडीएफ प्रशासन के दौरान पांच रुपये प्रति यूनिट से कम दरों पर बिजली खरीदने के लिए हस्ताक्षरित दीर्घकालिक बिजली खरीद समझौते को एलडीएफ शासन के दौरान रद्द कर दिया गया था ताकि इस प्रणाली में अदाणी आसानी से प्रवेश कर सके।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार के इस कदम से स्पष्ट होता है कि उसकी बिजली उत्पादक कंपनियों खासकर अदाणी के साथ मिलीभगत है। उन्होंने कहा, 'अदाणी को इस कदम से सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। सरकार के इस फैसले का उद्देश्य अदाणी को केरल में बिजली खरीद प्रणाली में प्रवेश करवाना है। अब सरकार 10 से 14 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद रही है।'
चेन्निथला ने यह भी आरोप लगाया कि दीर्घकालिक अनुबंध रद्द करने वाले विद्युत नियामक आयोग के कुछ सदस्य माकपा के करीबी लोग हैं। साल 2016 में सत्ता में आने के बाद से पिनरई सरकार के कार्यकाल में यह पांचवीं बार शुल्क में बढ़ोतरी की गई है।
राज्य के बिजली मंत्री के कृष्णनकुट्टी ने शुक्रवार को कहा था कि टैरिफ वृद्धि न्यूनतम है और इससे आम लोगों के घरेलू बजट पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मंत्री ने बताया था कि केरल राज्य विद्युत बोर्ड (केएसईबी) ने शुरू में वर्ष 2024-25 के लिए 37 पैसे प्रति यूनिट और वर्ष 2025-26 के लिए 27 पैसे प्रति यूनिट की कीमत बढ़ोतरी का रिक्वेस्ट किया था। बावजूद इसके, विद्युत विनियामक आयोग ने क्रमशः सिर्फ 16 पैसे और 12 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि को मंजूरी दी।
मंत्री ने कहा था कि केएसईबी द्वारा वित्तवर्ष 2026-27 के लिए 9 पैसे प्रति यूनिट की प्रस्तावित बढ़ोतरी को आयोग ने अस्वीकार कर दिया। टैरिफ बढ़ोतरी उन सभी उपभोक्ताओं पर लागू होती है जो प्रति माह 40 यूनिट से अधिक बिजली का इस्तेमाल करते हैं और जिनका कनेक्टेड लोड 1,000 वाट से अधिक है। उन्होंवे कहा था कि अगर बाहरी स्रोतों से खरीदी गई बिजली की लागत कम हो जाती है, तो इसका लाभ उपभोक्ताओं को दिया जाएगा। सौर ऊर्जा की बढ़ती उपलब्धता के मद्देनजर, दिन के समय प्रति माह 250 यूनिट तक बिजली का इस्तेमाल करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को टैरिफ में 10 प्रतिशत की कमी मिलेगी।
बिजली दरों में बढ़ोतरी के फैसले के बाद, कांग्रेस ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की घोषणा की। केपीसीसी प्रमुख के सुधाकरन ने बिजली की दरों में बढ़ोतरी के फैसले को 'बेहद अनुचित और निंदनीय' बताया। केपीसीसी प्रमुख ने यह भी कहा था कि जिला कांग्रेस समितियां शनिवार शाम को राज्य भर में एक ज्वलंत मशाल रैली आयोजित करेंगी।
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