लोकोपयोगी सेवाओं की स्थाई लोक अदालत का निर्णय के परिपालन नही करने पर क्लेक्टर ओर अन्य को सिविल जेल भेजे जाने निवेदन, मामला 722 रकबा की शासकीय आवादीय नजूल भूमि के विक्रय-रजिस्ट्री एवं दुरुपयोग का

Jan 18, 2023 - 01:30
Jan 18, 2023 - 01:30
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लोकोपयोगी सेवाओं की स्थाई लोक अदालत का निर्णय के परिपालन नही करने पर क्लेक्टर ओर अन्य को सिविल जेल भेजे जाने निवेदन, मामला 722 रकबा की शासकीय आवादीय नजूल भूमि के विक्रय-रजिस्ट्री एवं दुरुपयोग का
लोकोपयोगी सेवाओं की स्थाई लोक अदालत का निर्णय के परिपालन नही करने पर क्लेक्टर ओर अन्य को सिविल जेल भेजे जाने निवेदन, मामला 722 रकबा की शासकीय आवादीय नजूल भूमि के विक्रय-रजिस्ट्री एवं दुरुपयोग का
लोकोपयोगी सेवाओं की स्थाई लोक अदालत का निर्णय के परिपालन नही करने पर क्लेक्टर ओर अन्य को सिविल जेल भेजे जाने निवेदन, मामला 722 रकबा की शासकीय आवादीय नजूल भूमि के विक्रय-रजिस्ट्री एवं दुरुपयोग का
लोकोपयोगी सेवाओं की स्थाई लोक अदालत का निर्णय के परिपालन नही करने पर क्लेक्टर ओर अन्य को सिविल जेल भेजे जाने निवेदन, मामला 722 रकबा की शासकीय आवादीय नजूल भूमि के विक्रय-रजिस्ट्री एवं दुरुपयोग का

गुना। जय स्तम्भ चौराहे से सदर बाजार जाने वाले मार्ग पर स्थित शासकीय भूमि जिस पर आलीशान मकान व दुकान बन गए हैं। यहां से निकलने वाला यातायात सुगन चौराहा और लक्ष्मीगंज पर आए दिन बाधित होता है। इसको लेकर कोर्ट में लगाए गए आवेदन की सुनवाई कर लोकोपयोगी सेवाओं की स्थाई लोक अदालत के सदस्यों ने कहा कि यातायात बाधित न हो इसके लिए शासन को व्यवस्था करनी होगी। यह जरूरी नहीं कि इसके लिए अलग से सड़क बनाई जाए। इसकी सुनवाई के समय संबंधित अनावेदक कोर्ट में नहीं पहुंचे तो कोर्ट ने नाराजगी जताई, इसके बाद शासन की ओर से जवाब प्रस्तुत किया जिसमें कहा कि यातायात बाधित न हो इसके लिए सड़क सुरक्षा समिति बनाई गई है।

लोकोपयोगी सेवाओं की स्थाई लोक अदालत में नवीन मोदी और सूर्यप्रकाश यादव ने अपने अभिभाषक शैलेन्द्र यादव की ओर से एक आवेदन लगाया था जिसमें कहा था कि सर्वे नम्बर 722 रकबा 15.2260 हेक्टेयर भूमि को सीमांकन कर चिन्हित करके शासकीय भूमि घोषित कर संरक्षित किया जाए। इस भूमि पर बनाए भवन, मार्केट का निर्माण कराया है, इनके रजिस्टर्ड विक्रय पत्र भी हुए हैं। इनको तोड़कर पार्किंग बनाई जाए। आवेदन में अनावेदक के रूप में नजूल अधिकारी, उप पंजीयक शहरी क्षेत्र आदि को शामिल किया गया था। आवेदन में बताया था कि कस्बा गुना पटवारी हल्का नम्बर 77 तहसील गुना की भूमि सर्वे क्रमांक 722 रकबा 15.2260 हेक्टेयर भूमि राजस्व रिकार्ड में शासकीय आबादी भूमि दर्ज होना जिसमें से रकबा 0.278 हेक्टेयर पीडब्ल्यूडी के नाम पर तथा शेष भूमि रकबा14.948 हेक्टेयर नजूल शासकीय भूमि में दर्ज होना बताया है। जिसकी चर्तुसीमा जय स्तम्भ चौराहा से सदर बाजार तक बताया ओर कहा कि इस भूमि पर गुना शहर का लक्ष्मीगंज, सदर बाजार, नई सड़क मुख्य मार्ग पर स्थित है। इन रास्तों पर यातायात व आवागमन बहुत मुश्किल है और वाहन व्यवस्था सही भी नहीं हैं। प्रस्तुत आवेदन की सुनवाई अपर जिला न्यायाधीश लोकोपयोगी सेवाओं के लिए स्थायी लोक अदालत के अलावा सदस्य सीएमएचओ और पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री ने की थी। जिसमें शासन का कोई उपस्थित नहीं हुआ था। कोर्ट ने कड़ा रुख दिखाया तो शासन की ओर से जवाब पेश हुआ जिसमें बताया कि सड़क सुरक्षा समिति का गठन किया गया है, पूर्व आदेश का पालन किया जाएगा।

प्रकरण में परिवादी नवीन मोदी के अधिवक्ता शेलेन्द्र यादव ने कहा कि प्रशासन के  अधिकारी क्लेक्टर ओर तहसीलदार को न्यायालय ने आदेश दिए थे,लेकिन अपने पद के घमंड में न्यायालय के आदेश को नही माना है,वही उन्होंने अपने शासकीय अधिवक्ता से जवाब पेश कर आदेश पालन करने का निवेदन किया है, जसमे सड़क यातायात की सुरक्षा को लेकर समिति गठित करने की बात कही है वह हास्यप्रद है। प्रशासन कोर्ट को गुमराह कर बचने की कोशिश कर रहा है। हमने कोर्ट में इन्हें सिविल जेल भेजे जाने का आवेदन दिया है। जिसमे 24 तारीख नियत है।

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