लोकसभा में पास हुए वक्फ विधेयक का मामला पहुंचेगा सुप्रीम कोर्ट, स्टालिन खटखटाएंगे अदालत का दरवाजा
लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने पर कांग्रेस सांसद और जेपीसी सदस्य इमरान मसूद ने भी कोर्ट जाने की बात कही है। उन्होंने कहा, 'संविधान को रौंदा जा रहा है। यह दुखद है कि सांसदों की संख्या के आधार पर चीजें चल रही हैं। हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और अदालत जाएंगे।'

नई दिल्ली (आरएनआई) लोकसभा में पास हुए वक्फ विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अदालत का दरवाजा खटखटाने का एलान कर दिया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके अध्यक्ष एम के स्टालिन ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी इस विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाएगी। लोकसभा से विधेयक पारित होने के विरोध में स्टालिन विधानसभा में काली पट्टी बांधकर पहुंचे। इस दारान उन्होंने कहा कि भारत में बड़ी संख्या में दलों के विरोध के बावजूद कुछ सहयोगियों के इशारे पर रात दो बजे संशोधन को अपनाना संविधान की संरचना पर हमला है।
मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि यह धार्मिक सद्भाव को बिगाड़ने वाला काम है। इसे उजागर करने के लिए हम आज विधानसभा की कार्यवाही में काली पट्टी बांधकर भाग ले रहे हैं। स्टालिन ने कहा, 'मैं आपको सूचित करना चाहूंगा कि द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की ओर से इस विवादास्पद संशोधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया जाएगा। तमिलनाडु केंद्र सरकार के उस कानून के खिलाफ लड़ेगा, जो वक्फ बोर्ड की आजादी को नष्ट करता है और अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी को खतरे में डालता है।'
उन्होंने बताया कि राज्य विधानसभा ने प्रस्तावित संशोधन के खिलाफ 27 मार्च को एक प्रस्ताव पारित किया था, क्योंकि यह अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय पर असर डालेगा। यह भारत के धार्मिक सद्भाव को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा। उन्होंने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि वक्फ अधिनियम में संशोधन को लोकसभा में 232 सांसदों के विरोध में वोट देने के बावजूद पारित कर दिया गया। यह कोई सामान्य संख्या नहीं है। यह संख्या बढ़ भी सकती है। केवल 288 सदस्यों ने ही इसके पक्ष में मतदान किया।
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