लोकसभा में अनुराग ठाकुर के दिए गए बयान पर भड़का विपक्ष, कहा- यह बदतमीजी है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के भाषण का वीडियो साझा कर उनकी तारीफ की। इस पर विपक्षी नेताओं का गुस्सा और बढ़ गया। उन्होंने पीएम और ठाकुर की आलोचना की।
नई दिल्ली (आरएनआई) पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की मंगलवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के साथ खूब तू-तू, मैं-मैं हुई। यहां तक कि ठाकुर ने कांग्रेस सांसद से उनकी जाति तक पूछ ली। इस पर अखिलेश यादव ने कड़ा विरोध जताया। भाजपा सांसद के भाषण के दौरान लगातार विपक्ष का हंगामा जारी। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने नेता के भाषण की सराहना की। उन्होंने इस पूरे भाषण का वीडियो साझा किया है। इसको लेकर अब विपक्ष और भड़क गया है। उन्होंने ठाकुर और पीएम मोदी की आलोचना की है। कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह बदतमीजी है।
दिग्विजय सिंह ने कहा, 'बदतमीजी है। उनसे यह उम्मीद नहीं थी। साथ ही पीएम मोदी से भी यह उम्मीद नहीं थी कि वह उनका साथ देंगे।
कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने कहा, 'अनुराग ठाकुर राहुल गांधी से निपटने के लिए लगातार असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन खुद राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर अपने विचार रखे हैं। वह अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और वह अंत तक लड़ेंगे।
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, 'ये जाति का सवाल नया नहीं है, जाति का सवाल बहुत पुराना है। एक बार जब मैं एक मंदिर में गया, तो कुछ लोग नहीं चाहते थे कि मैं हवन और पूजा करूं। मैं वो दिन कभी नहीं भूल सकता जब सीएम का घर गंगाजल से साफ हुआ था। अब चांद पर जाना चाहते हैं, डिजिटल इंडिया की बातें हो रही हैं। क्या भाजपा कांग्रेस के किसी नेता या अन्य व्यक्ति की जाति पूछ सकती है?'
उन्होंने आगे कहा, 'जाति का सवाल जिसे जानना है उसे अंबेडकर की किताब एनिहिलेशन ऑफ कास्ट जरूर पढ़ना चाहिए। इनके (भाजपा) पास क्या जाति तोड़ो आंदोलन का कोई विकल्प है। जिसको जाति को लेकर दिक्कत और परेशानी है उसे मंडल कमीशन की किताब आज ही खरीद लेनी चाहिए और प्रस्तावना पढ़नी चाहिए। अगर जाति जनगणना की मांग हो रही है तो इसमें कोई गलत नहीं है। हमारे बहुत सारे फैसले और नीतियां तभी अच्छे होंगे जब जाति जनगणना होगा।
कांग्रेस सांसद कार्ति पी चिदंबरम ने कहा, 'आज के समय में अगर किसी को ऐसी चीज के बारे में सवाल करने की जरूरत है तो यह अरुचिकर है। मैंने हमेशा कहा है कि इस तरह के असभ्य व्यवहार का हमारी सार्वजनिक बातचीत में कोई स्थान नहीं है।
कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा, 'अनुराग ठाकुर बिल्कुल होश खो बैठे हैं। जिस तरह से वह व्यवहार कर रहे हैं, वह सभ्य नहीं है। क्या किसी की जाति पूछना सही है? मानस की जात सब एकके पहचान बो, उसे इससे सीखना चाहिए। वह वहां बैठकर अपने आकाओं को खुश करने के लिए गालियां देते हैं, यह ठीक नहीं है। यह संसद है। मुद्दों को उठाना विपक्ष का काम है और सत्ता पक्ष का काम है कि वह उनका जवाब दे, न कि गाली दें।
जातिगत जनगणना पर उन्होंने कहा, 'हम संसद में पारित कराने के लिए सभी प्रयास करेंगे।'
कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने कहा, 'यह अनुराग ठाकुर का स्वभाव है। आप उनकी मानसिकता को समझ सकते हैं। अगर वह इतना नीचे गिरकर बात कर रहे हैं तो आप याद रखिए कि आपकी बुनियाद कमजोर है।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, 'देश को ये जरूरत है कि हम धर्म और जाति से ऊपर उठकर देश की सेवा करें, भारत माता की सेवा करें। हमारी जाति है देश की सेवा करना और धर्म है भारत माता को आगे बढ़ाना। ये वे लोग हैं जो देश को इसी सांचे में ढालना चाहते हैं जो उनके लिए राजनीतिक रूप से सुविधाजनक हो...उन्होंने जो कहा वह निंदनीय है, मुझे उम्मीद है कि उनके नेता उनसे माफ़ी मांगवाएंगे।'
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, 'कल बजट चर्चा में भाजपा नेताओं द्वारा की गई असंवेदनशील और क्रूर टिप्पणियों के खिलाफ संसद के अंदर विरोध प्रदर्शन किया गया। हम जानते हैं कि जाति जनगणना एक बहुत ही भावनात्मक मुद्दा है और भारत में एससी-एसटी, ओबीसी के कई लोग जाति जनगणना चाहते हैं लेकिन कल भाजपा द्वारा उनकी मांग का मजाक उड़ाया गया। संसद के अंदर भाजपा द्वारा उनका अपमान किया गया। हम यहां उनके अधिकार के लिए लड़ रहे हैं, जाति जनगणना के लिए लड़ रहे हैं और इसीलिए हमने विरोध किया।
राज्यसभा के नेता और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, 'ताने मारना संसद में ऐसा नहीं होता। उन्होंने (अनुराग ठाकुर) जानबूझकर राहुल गांधी का अपमान करने के लिए ऐसा कहा। यह सही नहीं है। उनके (भाजपा) कई वरिष्ठ नेताओं ने अंतरजातीय विवाह किए हैं। उन्हें खुद को आईने में देखना चाहिए और फिर बोलना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा, 'वह (अनुराग ठाकुर) अपरिपक्व हैं, लेकिन प्रधानमंत्री को ट्वीट करने की क्या जरूरत थी? उनके कई नेता अंतरजातीय या अंतरधार्मिक विवाह में हैं। क्या वे हर किसी की जाति के बारे में पूछेंगे? यह गलत है, मैं इसकी निंदा करता हूं। मैं प्रधानमंत्री के ट्वीट की भी निंदा करता हूं। प्रधानमंत्री मोदी को पता होना चाहिए कि कहां बोलना है और किसका बचाव करना है। इसे एक तरफ छोड़कर, वह भावनाओं को भड़काने की बात कर रहे हैं। संसद में इसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, इसे कार्यवाही से निकाला जाना चाहिए।
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