लोकसभा चुनाव में हिट हुआ राहुल गांधी का ‘खटाखट-खटाखट’, कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मुंह पर चढ़ा नारा
मंगलवार को जब कांग्रेस मुख्यालय में लगी बड़ी टीवी स्क्रीन पर जैसे-जैसे कांग्रेस की सीटों की संख्या बढ़ती, तो कार्यकर्ता भी उत्साह से लबरेज हो जाते। ज्यादा सीटें जीतने की खुशी उनके चेहरे पर दिखाई पड़ रही थी।
नई दिल्ली (आरएनआई) कांग्रेस मुख्यालय में मतगणना वाले दिन कांग्रेस पार्टी ने कार्यकर्ताओं के लिए अलग से बड़ी स्क्रीन लगाई थी। स्क्रीन पर जैसे ही कांग्रेस पार्टी बढ़त लेते दिखती तो कार्यकर्ता शोर मचाते हैं- खटाखट-खटाखट-खटाखट। कार्यकर्ता यह कहते दिखे कि राहुल गांधी का यह कमेंट 'सुपरहिट' साबित हुआ है। मतगणना के दौरान जिस तरह के परिणाम सामने आए हैं, और कांग्रेस के प्रदर्शन में सुधार दिख रहा है उसे देख कर यही जा रहा कि राहुल गांधी का खटाखट वाला दांव चल गया। 2009 के बाद कांग्रेस पार्टी पहली बार 98-100 के आंकड़े के आसपास बनी हुई है। इससे पहले 2014 में कांग्रेस पार्टी को 44 सीटें मिली थीं, वहीं 2019 में 52 सीटें जीती थीं।
मंगलवार को जब कांग्रेस मुख्यालय में लगी बड़ी टीवी स्क्रीन पर जैसे-जैसे कांग्रेस की सीटों की संख्या बढ़ती, तो कार्यकर्ता भी उत्साह से लबरेज हो जाते। ज्यादा सीटें जीतने की खुशी उनके चेहरे पर दिखाई पड़ रही थी। राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान 'खटाखट' वाली बात कही थी। जिसके बाद वह लोगों के मुंह पर चढ़ गया था। राहुल गांधी ने एक चुनावी कैंपेन में यह शब्द उछाला था कि हम पहले ही दिन से काम करेंगे और इंडी गठबंधन की सरकार बनते ही हर माह पैसे दिए जाएंगे। 4 जुलाई को 8500 रुपये उनके अकाउंट में खटाखट-खटाखट ट्रांसफर किए जाएंगे। राहुल गांधी की इसी टिप्पणी ने चुनाव के दौरान खासी सुर्खियां बटोरी थीं।
राहुल गांधी की टिप्पणी का भाजपा नेताओं ने खूब मजाक उड़ाया था। पीएम मोदी ने तुरंत इस पर पलटवार करते हुए कहा था कि जनता विपक्षियों को खटाखट बाहर कर देगी। इस पर खूब मीम्स भी बने। राहुल गांधी के इस कमेंट के हिट होने के बाद उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने भी फटाफट-फटाफट वाला दांव चला। अखिलेश यादव ने रायबरेली में रैली के दौरान अपने संबोधन में कहा था कि ये दिल्ली के लोग घबराए हुए हैं। जबसे उन्होंने सुना है कि इंडिया गठबंधन गरीबों के हित के लिए फैसले ले रहा है। तब से वह आपके प्रत्याशी राहुल गांधी की खटाखट-खटाखट वाली नकल करने लगे हैं। अखिलेश यादव ने कहा था कि जो लोग देश को बड़ा बनाने का सपना दिखा रहे थे, उन्होंने देश को कर्जे में डुबा दिया है। जनता इनसे कह रही है कि अब आपको हटा देंगे फटाफट फटाफट, फटाफट। अखिलश यादव का कहना था कि जो लोग कहते थे कि ना खाएंगे न खाने देंगे, वे सब डकार गए, गटागट, गटागट गटागट।
तेजस्वी यादव भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने भी राहुल गांधी और अखिलेश यादव की बराबरी करते हुए हर चुनावी सभा मे ठकाठक, फटाफट, खटाखट और सफाचट जैसे शब्दों का जमकर इस्तेमाल किया। तेजस्वी ने चुनावी प्रचार के दौरान कहा था, मिजाज रखिये टनाटन, टनाटन, टनाटन, मतदान के दिन वोट डालिये खटाखट, खटाखट, खटाखट। चार जून के बाद भाजपा हो जाएगी सफाचट, सफाचट, सफाचट। नौकरी मिलेगी फटाफट, फटाफट, फटाफट। दीदी के खाते में एक लाख जाएंगे सटासट, सटासट, सटासट।
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