लालू यादव से मिलकर निकले पप्पू यादव की पार्टी का कांग्रेस में विलय

लालू यादव से मुलाकात के बाद दिल्ली निकलते समय पप्पू यादव ने अपनी जन अधिकार पार्टी के विलय से मना किया, लेकिन कांग्रेस की विचारधारा से खुद को करीब बताया। दिल्ली पहुंचने के बाद उन्होंने जाप का कांग्रेस में विलय स्वीकार कर लिया।

Mar 20, 2024 - 14:34
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लालू यादव से मिलकर निकले पप्पू यादव की पार्टी का कांग्रेस में विलय

पटना (आरएनआई) बिहार के सीमांचल में प्रभाव रखने वाले राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय को मंजूर कर लिया है। मंगलवार रात पप्पू यादव ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी। सुबह पटना एयरपोर्ट पर उन्होंने विलय के सवाल को टाल दिया था, लेकिन यह जरूर कहा था कि वह कांग्रेस की विचारधारा पर ही लंबे समय से चलते आ रहे हैं। तभी यह माना जा रहा था कि पप्पू अपनी पार्टी के विलय के लिए राजी हो गए हैं। पप्पू की पार्टी जाप के पास बिहार में एक भी विधायक या सांसद नहीं हैं। पप्पू खुद सांसद रह चुके हैं और फिलहाल उनकी पत्नी राज्यसभा सांसद हैं। शाम चार बजे जाप का आधिकारिक तौर पर अस्तित्व समाप्त हो जाएगा और पत्नी रंजीत रंजन की तरह पप्पू यादव भी कांग्रेसी हो जाएंगे।

पप्पू यादव ने लालू परिवार से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत हमारे और लालू जी के बीच पूर्ण तौर पर पारिवारिक रूप से रिश्ता रहा है। हम दोनों एक-दूसरे से कभी अलग नहीं हुए। कोसी, सीमांचल और मिथिलांचल में हमलोग भाजपा को राेकेंगे। जिस तरह 17 महीना तेजस्वी यादव ने काम किया, उससे जनता में एक विश्वास पैदा हुआ। राहुल गांधी ने जिस तरह दिल भी जीता और सपने दिखाएं लोगों उससे एक उम्मीद जगी है। हमलोग मिलकर 2024 ही नहीं 2025 का चुनाव भी जीतेंगे। कांग्रेस के नेतृत्व में हमलोग मिलकर लड़ेंगे। पूर्णिया मेरी लाइफ लाइन है। वहां न कोई जात है न कोई धर्म है। मैं हर एक व्यक्ति के दिल में हूं। मेरी लड़ाई बिल्कुल साफ है। मैं पूर्ण रूप से इंडी गठबंधन के साथ हूं। राजद से मेरा पारिवारिक रिश्ता था, है और हमेशा रहेगा। तेजस्वी यादव के साथ खड़ा रहना मेरा दायित्व है। मैं चाहता हूं कि तेजस्वी यादव 2025 में मजबूती के साथ सरकार बनाएं।  

माकपा विधायक अजीत सरकार की हत्या 14 जून 1998 को हुई। हत्या में एके-47 का इस्तेमाल हुआ था। इस मामले में पप्पू यादव को मुख्य आरोपी बनाया गया था। इनके अलावा राजन तिवारी, अनिल यादव, अमर यादव, हरीश चौधरी आदि को आरोपी बनाया गया था। पटना के एमपी-एमएलए कोर्ट ने वर्ष 2008 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। लेकिन, पटना हाईकोर्ट ने 17 मई, 2013 को पप्पू, राजन व अनिल को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। इसके बाद पप्पू यादव ने 2015 में अपनी जन अधिकार पार्टी बनाई। पप्पू यादव की पार्टी ने बिहार विधानसभा उम्मीदवार उतारे थे लेकिन सफलता नहीं मिली। पप्पू ने 2019 में मधेपुरा से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन हार गए थे। 2024 में वह पूर्णिया लोकसभा से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। 

पप्पू यादव का जन्म मधेपुरा जिले में 1967 में हुआ था। इसके बाद पूर्णिया पर पढ़ाई करने के लिए आ गए। 1990 में निर्दलीय विधायक चुनकर आए पप्पू यादव ने 1991, 1996, 1999, 2004 और 2014 में लोकसभा चुनाव जीता था। 

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