राहुल बोले- कर्नाटक में रोहित वेमुला कानून बनाए सरकार, जाति आधारित भेदभाव खत्म करना है मकसद
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से 'रोहित वेमुला कानून' बनवाने की अपील की है। कांग्रेस सांसद ने राज्य में जाति आधारित भेदभाव को खत्म करने के मकसद से यह कानून बनाने और राज्य में लागू करने की अपील की। राहुल ने अपने पत्र में डॉ बीआर आंबेडकर के संघर्षों का भी उल्लेख किया है।

बेंगलुरु (आरएनआई) कर्नाटक में रोहित वेमुला कानून लागू करने की अपील करते हुए राहुल गांधी ने इस कांग्रेस शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने सीएम सिद्धारमैया को लिखे पत्र में कहा, सरकार को 'रोहित वेमुला एक्ट' नाम से कानून बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कानून का मकसद शिक्षा प्रणाली में जाति आधारित भेदभाव को खत्म करना है। अपने पत्र में राहुल ने भारत रत्न डॉ बीआर आंबेडकर का भी जिक्र किया है। उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि किस तरह बाबा साहेब आंबेडकर को भी अपने जीवनकाल में भेदभाव का सामना करना पड़ा था।
बकौल राहुल गांधी, एक समय लंबी बैलगाड़ी यात्रा के दौरान हुई घटना का बाबा साहेब ने उल्लेख किया है। राहुल ने अपने पत्र में बाबा साहेब के संस्मरण का जिक्र करते हुए लिखा डॉ आंबेडकर को एक समय बिना भोजन के सोना पड़ा, क्योंकि लोगों ने अछूत मानकर उन्हें पानी देने से इनकार कर दिया। आंबेडकर बताते हैं कि उनके पास पर्याप्त खाना था, भूख भी लगी थी, इसके बावजूद उन्हें भूखे सोना पड़ा। स्कूल में उन्हें अपनी रैंक के मुताबिक सहपाठियों के बीच बैठने की अनुमति नहीं थी। उन्हें कोने में अकेले बिठाया जाता था।
बकौल राहुल गांधी, आंबेडकर ने जो झेला वह शर्मनाक था। भारत में किसी बच्चे के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए। आज हमारे लिए यह शर्म की बात है कि देश की शिक्षा प्रणाली में दलित, आदिवासी और ओबीसी समुदायों के लाखों छात्रों को जाति आधारित भेदभाव से जूझना पड़ता है। 16 अप्रैल को लिखे इस पत्र में राहुल लिखते हैं कि रोहित वेमुला, पायल तड़वी और दर्शन सोलंकी जैसे होनहार युवाओं की हत्या अस्वीकार्य है। इनसे सख्ती से निपटने का समय आ गया है।
राहुल ने लिखा कि वे कर्नाटक में रोहित वेमुला कानून लागू करने की अपील करते हैं, ताकि किसी भी बच्चे को वैसे दंश न झेलने पड़ें जो डॉ. बीआर अंबेडकर, रोहित वेमुला और लाखों अन्य लोगों को सहने पड़े। उन्होंने एक्स पर अपना पत्र साझा किया और लिखा, हाल ही में वे संसद में दलित, आदिवासी और ओबीसी समुदायों के छात्रों और शिक्षकों से मिला। बातचीत के दौरान कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में जाति आधारित भेदभाव का के बारे में जानकारी मिली।
बकौल राहुल गांधी, बाबा साहब आंबेडकर ने दिखाया था कि शिक्षा ही एकमात्र ऐसा साधन है जिसकी मदद से वंचित भी सशक्त बन सकते हैं। जाति व्यवस्था को तोड़ा जा सकता है। हालांकि, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि दशकों बाद भी, लाखों छात्र हमारी शिक्षा प्रणाली में जातिगत भेदभाव का दंश झेलने को मजबूर हैं। बता दें कि हैदराबाद में पड़ाई करने वाले रोहित वेमुला की 2016 में मौत हुई थी।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6X
What's Your Reaction?






