राहुल के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर खरगे ने पीएम को लिखा पत्र; कहा- सख्त कानूनी कार्रवाई जरूरी
खरगे ने लिखा, 'कांग्रेस के करोड़ों कार्यकर्ता और नेता इस बात को लेकर बहुत चिंतित हैं। ऐसी घृणा फैलाने वाली शक्तियों के चलते राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को शहादत देनी पड़ी है। सताधारी दल का यह राजनीतिक व्यवहार लोकतांत्रिक इतिहास का अशिष्टतम उदाहरण है।
नई दिल्ली (आरएनआई) कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा नेताओं के बयानों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा कि मैं आपसे आग्रह करता हूं कि अनुशासन और शिष्टाचार के माध्यम से ऐसे नेताओं पर लगाम लगाएं। ऐसे बयानों के लिए सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भारत की राजनीति को पतन की ओर जाने से रोका जा सके।
खरगे ने लिखा, 'एक अहम मुद्दे पर आपका ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूं, जो सीधे लोकतंत्र और संविधान से जुड़ा हुआ है। आप अवगत होंगे कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक, हिंसक और अशिष्ट बयानों का सिलसिला चल रहा है। मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि भारतीय जनता पार्टी और आपके सहयोगी दलों के नेताओं ने जिस हिंसक भाषा का प्रयोग किया है, वह भविष्य के लिए घातक है। सभी हैरान हैं कि केंद्र सरकार में रेल राज्य मंत्री, भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के मंत्री, लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता को 'नंबर एक आतंकवादी' कह रहे हैं।
उन्होंने आगे लिखा, 'महाराष्ट्र में आपकी सरकार में सहयोगी दल का एक विधायक, नेता प्रतिपक्ष की जुबान काट कर लाने वाले को 11 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा कर रहे हैं। दिल्ली में एक भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक, उनका हस्र दादी जैसा करने की धमकी दे रहे हैं।'
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति अहिंसा, सद्भाव और प्रेम के लिए विश्व भर में जानी जाती है। इन बिंदुओं को हमारे नायकों ने राजनीति में मानक के रूप में स्थापित किया। गांधीजी ने अंग्रेजी राज में ही इन मानकों को राजनीति का अहम हिस्सा बना दिया था। आजादी के बाद संसदीय परिधि में सता पक्ष और विपक्ष के बीच सम्मानजनक अहसमतियों का एक लंबा इतिहास रहा है। इसने भारतीय लोकतंत्र की प्रतिष्ठा को बढ़ाने का काम किया।
खरगे ने लिखा, 'कांग्रेस के करोड़ों कार्यकर्ता और नेता इस बात को लेकर बहुत चिंतित हैं। ऐसी घृणा फैलाने वाली शक्तियों के चलते राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को शहादत देनी पड़ी है। सताधारी दल का यह राजनीतिक व्यवहार लोकतांत्रिक इतिहास का अशिष्टतम उदाहरण है।'
उन्होंने कहा कि मैं आपसे अनुरोध और अपेक्षा करता हूं कि आप कृपया अपने नेताओं पर अनुशासन और मर्यादा का अंकुश लगाएं। उचित आचरण का निर्देश दें। ऐसे बयानों के लिए कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भारतीय राजनीति को पतनशील बनने से रोका जा सके। कोई अनहोनी न हो। मैं भरोसा करता हूं कि आप इन नेताओं को हिंसक बयानों को तत्काल रोकने के बारे में अपेक्षित कार्यवाही करेंगे।
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