राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने किया शुभारम्भ

जनपद में 1 वर्ष से 19 वर्ष के  बच्चों और किशोर - किशोरी को दवा खिलाने का अभियान शुरू। बालक और बालिकाओं को दी गई कीड़े मारने की दवा।

Feb 10, 2024 - 16:30
Feb 10, 2024 - 16:30
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राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने किया शुभारम्भ

शाहजहांपुर (आरएनआई) राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का उद्घाटन कम्पोजिट विद्यालय अकर्रा रसूलपुर ब्लाक ददरौल में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.के.गौतम ने फीता काटकर किया  | कृमि मुक्ति दिवस के  अवसर पर  स्कूल के बच्चों  को मुख्य चिकित्साधिकारी ने अपने सामने दवा खिलाकर अभियान की शुरुआत की | 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.के.गौतम  ने बताया कि  पेट के कीड़े निकालने की दवा बच्चों-किशोरों को खाली पेट नहीं खिलाई जाती है, इसके अतिरिक्त बीमार बच्चों को भी दवा नहीं खिलानी चाहिए ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि पेट के कीड़े (कृमि) बच्चों और किशोरों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। इनके पेट में रहते बच्चों का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता और बच्चे कई तरह की बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। बच्चों का एनीमिक और कुपोषित होने का एक बड़ा कारण पेट के कीड़े ही हैं। यह कीड़े मनुष्य की आंत में रहते हैं और जीवित रहने के लिए शरीर के जरूरी पोषक तत्व को खाते रहते हैं, इस वजह से बच्चे एनीमिया और कुपोषण के शिकार हो जाते हैं।

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. गोविन्द स्वर्णकार ने बताया कि जनपद के 1 से 19 वर्ष तक के लगभग 11.35 लाख किशोर किशोरियों को दवा का सेवन कराया जाएगा | उन्होनें बताया 1 से 2 वर्ष तक के बच्चों को 200 मिग्रा, अर्थात आधी गोली व 2  से 19 वर्ष तक के बच्चों व किशोरों को 400 मिग्रा, अर्थात पूरी गोली खिलाई गई है। छोटे बच्चों को गोली पीसकर दी जानी है जबकि बड़े बच्चे इसे चबाकर खाए। 10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के मौके पर जो बच्चे किसी कारणवश गोली खाने से वंचित रह गए है , उन्हें 15 फरवरी 2024 को मॉपअप दिवस पर एल्बेंडाजॉल की गोली खिलाई जाएगी। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन जनपद के 12 ब्लॉक में ही मनाया जाएगा ,शेष ब्लाक में एमडीए कार्यक्रम के अन्तर्गत यह दवा खिलाई जाएगी।

आरकेएसके कोऑर्डिनेटर रुचिका वर्मा ने बताया सभी बच्चों एवं किशोर किशोरियों को कृमि नियंत्रण की गोली (चबाने वाली) सभी सरकारी व सहायता प्राप्त/ प्राइवेट विद्यालयों , मदरसों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर  निःशुल्क उपलब्ध है। स्कूल न जाने वाले बच्चों को भी यह गोली नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र पर खिलाई जाएगी। इस अवसर पर  सीएचसी ददरौल के चिकित्सा अधीक्षक , स्कूल के प्रधानाचार्य प्रेमपाल गंगवार, अध्यापक मुदित सेठ , बीपीएम फैजुल, आर बी एस के टीम , जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवम सूचना अधिकारी वीरेंद्र शर्मा व अन्य स्टाफ मौजूद रहे।

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