राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन और पूजा की, उज्जैन में स्वच्छता मित्रों को किया सम्मानित, मूर्ति शिल्पकारों से संवाद

Sep 19, 2024 - 16:22
Sep 19, 2024 - 16:23
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन और पूजा की, उज्जैन में स्वच्छता मित्रों को किया सम्मानित, मूर्ति शिल्पकारों से संवाद

उज्जैन (आरएनआई) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज महाकाल की नगरी उज्जैन का दौरा किया। उन्होंने महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग के दर्शन किए और देशवासियों के सुख-समृद्धि, मंगल एवं कल्याण की प्रार्थना की। इसी के साथ उन्होंने मूर्ति शिल्पकारों से संवाद तिया और ‘स्वच्छता मित्रों के सम्मान समारोह में सहभागिता की। राष्ट्रपति ने उज्जैन में इंदौर-उज्जैन सिक्स लेन रोड परियोजना की आधारशिला भी रखी। इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उपस्थित रहे।

उन्होंने बाबा महाकाल के दर्शन और पूजन के बाद मंदिर प्रांगण में स्थित कोटि तीर्थकुण्ड में स्वच्छता सेवा एवं श्रमदान कर स्वच्छता का संदेश दिया। उन्होने कहा कि स्वच्छता की ओर हमारा एक कदम पूरे देश को स्वच्छ रखने में महत्वपूर्ण साबित होगा। इसी के साथ सभी से स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत और विकसित भारत के निर्माण का संकल्प लेने का आग्रह किया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया इंदौर-उज्जैन 6 लेन सड़क निर्माण का भूमिपूजन
राष्ट्रपति मुर्मू ने त्रिवेणी सभा मण्डपम, महाकाल लोक परिसर में मूर्ति शिल्पकारों से संवाद किया। इसी के साथ “स्वच्छता मित्रों के सम्मान समारोह” में सहभागिता की। राष्ट्रपति ने प्रदेश की सड़क कनेक्टिविटी को और अधिक बेहतर व मजबूत करने की दिशा में 1,692 करोड़ लागत की इंदौर-उज्जैन 6 लेन सड़क निर्माण का भूमिपूजन भी किया। इस अवसर पर उन्होंने स्वच्छता मित्रों को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित भी किया और सभी पुरस्कृत कर्मवीर स्वच्छता मित्रों और इंदौर-उज्जैन वासियों को बधाई दी।

स्वच्छता मित्रों के सम्मान समारोह में शिरकत
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सफाई मित्र सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ‘स्वच्छता की ओर हमारा एक कदम पूरे देश को स्वच्छ रखने में महत्वपूर्ण साबित होगा। पिछले 10 वर्षों में स्वच्छता-अभियान देशव्यापी जन-आंदोलन बन गया है। इसके कारण व्यापक स्तर पर बदलाव हुए हैं। स्वच्छ भारत मिशन द्वारा, हमारे देशवासियों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी है तथा अभूतपूर्व व्यवहार परिवर्तन हुआ है। स्थानीय स्तर पर, राज्य स्तर पर और राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता के क्षेत्र में हमारी उपलब्धियों का सबसे अधिक श्रेय हमारे सफाई-मित्रों को जाता है। हमारे सफाई-मित्र, अग्रिम पंक्ति के स्वच्छता-योद्धा हैं। वे हमें सुरक्षा प्रदान करते हैं – बीमारी से, गंदगी से, स्वास्थ्य से जुड़े खतरों से। वे हमारे राष्ट्र-निर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। सफाई-मित्रों का सम्मान करके वास्तव में हम अपना ही गौरव बढ़ाते हैं।’

स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत के निर्माण के लिए साथ देने की अपील
राष्ट्रपति ने कहा कि ‘स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण के दौरान, जो वर्ष 2025 तक चलेगा, हमें सम्पूर्ण स्वच्छता का लक्ष्य पूरा करना है। ‘खुले में शौच से मुक्त’ रहने की स्थिति को बनाए रखते हुए solid और liquid waste management में राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करना है। हम सभी जानते हैं कि स्वच्छता की ओर बढ़ाया गया हमारा एक कदम पूरे देश को स्वच्छ रखने में सहायक सिद्ध होगा। आइए हम सभी स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत और विकसित भारत के निर्माण का संकल्प लें।’ उन्होने कहा कि महाकाल की नगरी उज्जयिनी में सदियों से, संस्कृति और सभ्यता की परंपरा निरंतर अस्तित्व में बनी हुई है। आज से लगभग 2600 वर्ष पहले भगवान बुद्ध के समय में उज्जयिनी, अवन्ति राज्य की राजधानी हुआ करती थी। गुप्तकाल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण-युग माना जाता है। उस समय, उज्जैन भारत का सबसे महत्वपूर्ण नगर था और हम सभी का दायित्व है इस इस शहर की परंपरा और समृद्ध ऐतिहासिक विरासत को अक्षुण्ण रखने में अपना योगदान दें।

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