राम को लाने का दावा करने वाले उनका अपमान करते हैं : अखिलेश यादव

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को यूपी विधानसभा में प्रदेश सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर चर्चा की और अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि सरकार बजट खर्च नहीं कर पाती है और शेरो शायरी का सहारा लेती है।

Feb 10, 2024 - 15:23
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राम को लाने का दावा करने वाले उनका अपमान करते हैं : अखिलेश यादव

लखनऊ (आरएनआई) सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को यूपी विधानसभा में पांच फरवरी को पेश किए गए यूपी बजट 2024-25 पर अपना पक्ष रखा। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सरकार हर बार सबसे बड़ा बजट पेश करती है पर उसे खर्च नहीं कर पाती है। सरकार ने जितना आवंटन किया उस पर खर्च कितना हुआ है इसकी जानकारी नहीं देता है। अखिलेश ने अलग-अलग विभागों को पिछले वर्ष आवंटित किए गए बजट और उस पर हुए खर्च का जिक्र किया।

यूपी का बजट सात लाख करोड़ का हो या आठ लाख करोड़ का पर सबसे बड़ा सवाल यही है कि प्रदेश की 90 फीसदी जनता के लिए क्या है? उन्होंने बजट के बड़े आकार पर कहा, बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर, पंछी को छाया नहीं फल लागे अति दूर। 

अखिलेश यादव ने कहा कि भारत विश्व की पांचवीं अर्थव्यवस्था है पर देश के 80 करोड़ लोग सरकारी राशन पर निर्भर हैं। वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराये में छूट नहीं। युवाओं के लिए सेना में सिर्फ चार साल की अग्निवीर की भर्ती है।

अखिलेश यादव ने कहा कि जो लोग कहते हैं कि वो राम को लेकर आए हैं वो भगवान श्रीराम का अपमान करते हैं। ऐसा कहकर आप धर्म और प्रभु श्रीराम का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम का अपमान बंद कर देना चाहिए।

अखिलेश ने कहा कि सीएम लाल कारपेट पर भी नहीं दिखे। उन्हें वहां से साइडलाइन कर दिया गया। लाखों दिए जलाए पर खुद को रोशनी में न ला पाएं। इसे कहते हैं सच में चिराग तले अंधेरा होना। जब फोकस में नहीं थे तो हमें बड़ी मुश्किल से दिखे और जब महंगा लाल कारपेट दिखा तो महोदय कहीं नहीं दिखे। लाइन में भी नहीं थे बल्कि साइडलाइन में थे और लाखों दिए जलाए पर खुद को रोशनी में न ला पाएं। इसे कहते हैं सच में चिराग तले अंधेरा होना।

अखिलेश यादव ने सीएम की तरफ इशारा करते हुए कहा, आप हमें चाचा के नाम पर छेड़ते हो।  मैं आपको किसी और के नाम पर नहीं छेड़ता। मैं जानता हूं कि मुख्यमंत्री कितने दबाव में काम करता है।

अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी अक्सर कहते हैं कि 2017 के पहले प्रदेश के सामने पहचान का संकट था जबकि यूपी ने देश को आठ प्रधानमंत्री दिए। कई शहरों में मेट्रो चलीं। टीसीएल जैसी कंपनियों ने निवेश किया। हमारी सरकार ने पूरी सुविधाएं दी। अगर पहचान का संकट था तो कंपनियों ने निवेश क्यों किया। उन्होंने कहा कि पहचान का संकट यूपी सरकार के लोगों को है इसलिए वो निवेश नहीं ला पा रहे हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि योगी सरकार को अपने घोषणा पत्र पढ़ने चाहिए। हमारी सरकार ने छात्रों को लैपटॉप दिया था पर भाजपा सरकार नहीं दे पाई है। योगी सरकार को 2017, 2019 और 2022 का घोषणा पत्र पढ़ना चाहिए। 

अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार को नौकरियों को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। प्रदेश का 90 फीसदी युवा आज बेरोजगार बैठा है। सरकार प्रदेश में 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश का दावा करती है और एक करोड़ रोजगार पैदा करने की बात कहती है पर कितनी नौकरियां दी है ये स्पष्ट नहीं करती है।

अखिलेश यादव ने कहा कि अब सुनने में आ रहा है कि सरकार नौकरियों के लिए लोगों को रूस और युक्रेन भेज रही है। क्या सरकार के पास रोजगार को लेकर यही विजन है कि लोगों को वार जोन में भेजा जा रहा है। 

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