रामलला की वायरल तस्वीरों पर राम मंदिर के मुख्य पुजारी नाराज
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने नाराजगी जताते हुए कहा कि प्राण प्रतिष्ठा पूरी होने से पहले भगवान राम की मूर्ति की आंखें दिखाई नहीं जा सकतीं। जिस मूर्ति में भगवान राम की आंखें देखी जा सकें, वह असली मूर्ति नहीं है।
अयोध्या (आरएनआई) राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह से पहले राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि जहां नई मूर्ति है वहीं प्राण प्रतिष्ठा के नियम हो रहे हैं। अभी शरीर को कपड़े से ढंक दिया गया है, जो आंख खुली हुई मूर्ति दिखाई गई वो सही नहीं है। प्राण प्रतिष्ठा से पहले नेत्र नहीं खुलेंगे। यदि ऐसी तस्वीर आ रही है तो इसकी जांच होगी कि ऐसा किसने किया है।
भगवान राम की मूर्ति पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा पूरी होने से पहले भगवान राम की मूर्ति की आंखें दिखाई नहीं जा सकतीं। जिस मूर्ति में भगवान राम की आंखें देखी जा सकें, वह असली मूर्ति नहीं है। अगर आंखें देखी जा सकती हैं तो आंखें किसने दिखाईं और मूर्ति की तस्वीरें कैसे वायरल हो रही हैं, इसकी जांच होनी चाहिए।
राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' से पहले पीएम मोदी के 11 दिवसीय 'अनुष्ठान' पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास कहते हैं कि "जो व्यक्ति 'अनुष्ठान' करता है उसे फर्श पर सोना होता है, झूठ नहीं बोलता, 'गायत्री मंत्र' का जप करता है। पत्ते पर भोजन करना होता है और 'ब्रह्मचर्य' का पालन करना होता है।
गुरुवार की देर रात श्रीराम मंदिर के गर्भगृह से रामलला की नई तस्वीर सामने आई थी। इस तस्वीर में भगवान का चेहरा ढककर रखा गया था। इसके बाद शुक्रवार की सुबह नौ बजे एक और तस्वीर सामने आई। इस तस्वीर में उनके पूरे स्वरूप को देखा जा सकता है। रामलला एक हाथ में धनुष और दूसरे हाथ में बाण धारण किए हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान के चौथे दिन शुक्रवार को सुबह नौ बजे अरणि मंथन से अग्नि प्रकट की गई।
गर्भगृह में विराजित की जाने वाली मूर्ति में कई तरह की खूबियां भी हैं। श्याम शिला की आयु हजारों साल होती है, यह जल रोधी होती है। चंदन, रोली आदि लगाने से मूर्ति की चमक प्रभावित नहीं होगी। पैर की अंगुली से ललाट तक रामलला की मूर्ति की कुल ऊंचाई 51 इंच है। चयनित मूर्ति का वजन करीब 150 से 200 किलो है। मूर्ति के ऊपर मुकुट व आभामंडल होगा। श्रीराम की भुजाएं घुटनों तक लंबी हैं। मस्तक सुंदर, आंखे बड़ी और ललाट भव्य है। कमल दल पर खड़ी मुद्रा में मूर्ति, हाथ में तीर व धनुष होगा। मूर्ति में पांच साल के बच्चे की बाल सुलभ कोमलता झलकेगी।
22 जनवरी को सुबह रामलला के विग्रह की पूजा की जाएगी और दोपहर में मृगशिरा नक्षत्र में रामलला का अभिषेक किया जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों श्रीरामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी। रामलला रामनगरी की पंचकोसी परिक्रमा करेंगे, अयोध्या के मंदिरों में दर्शन-पूजन करेंगे।
प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम बेहद भव्य होगा। सियासत, सिनेमा से लेकर खेल और अध्यात्म से जुड़ी तमाम हस्तियों को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आने का निमंत्रण मिला है। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकप्रिय क्रिकेटर, मशहूर हस्तियां, उद्योगपति, संत, विभिन्न देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
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