राममंदिर में गंगाजल छिड़कने वाले ज्ञानदेव आहूजा भाजपा से निलंबित, कांग्रेस नेता पर टिप्पणी करने के बाद गिरी गाज
पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा को भाजपा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। उन्होंने अलवर में एक मंदिर का शुद्धिकरण किया था। इस मंदिर में कांग्रेस नेता टीकाराम जूली भी गए थे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस घटना को लेकर मंगलवार को जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया और इस घटना को भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता का उदाहरण बताया।

जयपुर (आरएनआई) भाजपा ने पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। उन्होंने अलवर में एक मंदिर का 'शुद्धिकरण' किया था। इस मंदिर में कांग्रेस नेता टीकाराम जूली भी गए थे। इससे पहले कांग्रेस ने भाजपा पर 'दलित विरोधी' होने का आरोप लगाया था।
कांग्रेस ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से माफी मांगने की मांग की थी। आहूजा ने राम मंदिर में गंगाजल छिड़का था। टीकाराम जूली दलित समुदाय से हैं। उन्होंने मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा लिया था।
भाजपा के प्रदेश महासचिव दामोदर अग्रवाल ने मंगलवार को आहूजा को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर जवाब मांगा था। आदेश में कहा गया है, 'भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के निर्देशानुसार आपको तत्काल प्रभाव से भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किया जाता है।
पत्र में आगे कहा गया है कि यदि आहूजा इन आरोपों पर कोई स्पष्टीकरण देना चाहते हैं तो तीन दिन के भीतर दे सकते हैं। इसके बाद उनके खिलाफ आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। पत्र में कहा गया है, 'इस मामले में आहूजा के बयान और कृत्य से पार्टी की छवि धूमिल हुई है। उनका कृत्य घोर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है।'
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस घटना को लेकर मंगलवार को जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया और इस घटना को भाजपा की 'दलित विरोधी मानसिकता' का उदाहरण बताया। कई जगहों पर आहूजा का पुतला भी जलाया गया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा नेता की आलोचना करते हुए कहा, "नेता प्रतिपक्ष जूली के मंदिर में जाने के बाद भाजपा नेता आहूजा द्वारा गंगाजल छिड़कने की घटना दलितों के प्रति भाजपा की दुर्भावना को दर्शाती है। 21वीं सदी के सभ्य समाज में ऐसी संकीर्ण मानसिकता स्वीकार्य नहीं है। इसकी निंदा करने के लिए कितने भी कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया जाए।"
अलवर के रामगढ़ स्थित रामलला मंदिर में कांग्रेस के नेता टीकाराम जूली द्वारा दर्शन करने के बाद भाजपा के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा द्वारा गंगाजल छिड़ककर की गई टिप्पणी से नाराज कांग्रेस के प्रदेशव्यापी आह्वान पर अजमेर में कांग्रेसजन सड़कों पर उतरे और ज्ञानदेव आहूजा का पुतला जलाया।
इस दौरान कांग्रेस जन ने गहरी नाराजगी दर्शाती हुए सरकार से माफी मांगने की आवाज भी उठाई। यह बात दीगर है कि ज्ञानदेव आहूजा के इस कृत्य के बाद भाजपा प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल ने उन्हें नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा है वहीं उन्हें प्राथमिक सदस्यता से निलंबित भी किए जाने की सूचना है।
अजमेर में कांग्रेस की ओर से ज्ञानदेव आहूजा का पुतला फूंकते हुए कहा कि भाजपा को दलितों के प्रति अपना रुख साफ करना चाहिए। भाजपा के ज्ञानदेव आहूजा के कृत्य से तो लगता है कि भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है। उधर, ज्ञानदेव आहूजा को दिए गए नोटिस में कहा गया है कि उनके कृत्य से पार्टी की छवि धूमिल हुई है।
आहूजा ने अपने कृत्य में किसी जातिगत पहलू का उल्लेख नहीं करते हुए अपने कृत्य का बचाव करते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं को ऐसे समारोहों में शामिल होने का "कोई नैतिक अधिकार" नहीं है, क्योंकि पार्टी के नेतृत्व ने भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया था और पिछले साल अयोध्या में अभिषेक समारोह का "बहिष्कार" किया था। दलित नेता जूली अलवर (ग्रामीण) सीट से कांग्रेस विधायक हैं, जबकि आहूजा अलवर के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व विधायक हैं।
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