राज्यपाल बोले: तमिल सरकार की दो-भाषा नीति से अवसरों से वंचित युवा; हिंदी विरोध पर स्टालिन सरकार पर कसा तंज
त्रि-भाषा नीति के खिलाफ अपना हमला जारी रखते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को कहा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के युग में छात्रों पर किसी अन्य भाषा का बोझ डालने की कोई आवश्यकता नहीं है।

चेन्नई (आरएनआई) तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि ने शुक्रवार को राज्य की भाषा नीति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य सरकार की कठोर दो-भाषा नीति के कारण दक्षिणी तमिलनाडु के युवा अवसरों से वंचित हो रहे हैं। उन्होंने इसे अनुचित बताते हुए कहा कि दक्षिणी तमिलनाडु उपेक्षित हो चुका है।
राज्यपाल रवि ने सोशल मीडिया मंच पर कहा कि यहां के युवा पड़ोसी राज्यों के युवाओं की तुलना में खुद को पिछड़ा हुआ महसूस कर रहे हैं, जिसका मुख्य कारण राज्य सरकार की दो-भाषा नीति है। हिंदी विरोध के नाम पर उन्हें अन्य दक्षिण भारतीय भाषाएं भी सीखने नहीं दी जातीं। यह सरासर अन्याय है। युवाओं को अपनी पसंद की भाषा पढ़ने का विकल्प मिलना चाहिए। सत्तारूढ़ द्रमुक ने रवि की टिप्पणियों के लिए उनकी आलोचना करते हुए उन पर तमिलनाडु के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप लगाया।
त्रि-भाषा नीति के खिलाफ अपना हमला जारी रखते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को कहा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के युग में छात्रों पर किसी अन्य भाषा का बोझ डालने की कोई आवश्यकता नहीं है। स्टालिन ने कहा, सच्ची प्रगति नवाचार में निहित है, भाषा थोपने में नहीं।
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