राजस्थान सरकार को लेखा की स्थापित प्रणाली समाप्त नहीं करनी चाहिए: कैग गिरीश चंद्र मुर्मू
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) गिरीश चंद्र मुर्मू ने बुधवार को उम्मीद जताई कि राजस्थान सरकार लेखा की सुस्थापित कोषागार प्रणाली को समाप्त नहीं करेगी क्योंकि ऐसा करने पर लेखा तैयार करने और उनका सत्यापन की प्रणाली के साथ-साथ केंद्र द्वारा राज्य को कोष स्थानांतरित करने की व्यवस्था भी गड़बड़ा जाएगी।
गुवाहाटी, 15 मार्च 2023, (आरएनआई)। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) गिरीश चंद्र मुर्मू ने बुधवार को उम्मीद जताई कि राजस्थान सरकार लेखा की सुस्थापित कोषागार प्रणाली को समाप्त नहीं करेगी क्योंकि ऐसा करने पर लेखा तैयार करने और उनका सत्यापन की प्रणाली के साथ-साथ केंद्र द्वारा राज्य को कोष स्थानांतरित करने की व्यवस्था भी गड़बड़ा जाएगी।
मुर्मू ने कहा कि इसके अलावा, संविधान के प्रावधानों के अनुसार, लेखा प्रारूप कैग के परामर्श से केवल राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित किया जा सकता है।
गौरतलब है कि राजस्थान सरकार लेखांकन की वर्तमान कोषागार प्रणाली को समाप्त करने और स्वतंत्र रूप से वेतन एवं लेखा कार्यालय शुरू करने पर विचार कर रही है।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक मुर्मू ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘संविधान के अनुसार लेखा मानक एवं लेखा प्रारूप का निर्धारण कैग के साथ विचार-विमर्श करके राष्ट्रपति ही करते हैं। मेरा खयाल है कि राज्य सरकार संविधान के इस प्रावधान पर गौर करेगी। हमें उम्मीद है कि बिना उचित विचार-विमर्श के ऐसा कुछ नहीं होगा।’’
उन्होंने कहा कि देश में लेखा की कोषागार प्रणाली अच्छी तरह से स्थापित है और इसमें किसी भी प्रकार का बदलाव करने पर लेखा तैयारी, सत्यापन और केंद्र सरकार द्वारा कोष का स्थानांतरण गड़बड़ा सकता है।
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