राजस्थान पुलिस के साथ की गई मारपीट के मामले में न्यायालय ने सुनाई आरोपी को 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं, 12000 की अर्थदंड से दंडित किये जाने की सजा

मामला पुलिस थाना जामनेर का राजस्थान पुलिस आई थी गिरफ्तारी वारंट के पालन में आरोपी बनेसिंह को गिरफ्तार करने। 

Feb 21, 2025 - 21:47
Feb 21, 2025 - 21:48
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राजस्थान पुलिस के साथ की गई मारपीट के मामले में न्यायालय ने सुनाई आरोपी को 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं, 12000 की अर्थदंड से दंडित किये जाने की सजा

गुना (आरएनआई) घटना जामनेर थाने के  ग्राम बोरदा की अपर लोक अभियोजक राघौगढ़ राकेश व्यास ने बताया की दिनांक 02 /10/2015 फरियादी/सूचनाकर्ता सीताराम वर्मा ने आहत गण सहायक उप निरीक्षक इस्लाम अली, आरक्षक 413 धनराज, आरक्षक 588 चंद्रप्रकाश थाना उद्योग नगर जिला कोटा राजस्थान एवं थाना जामनेर के आरक्षक 574 धर्मेंद्र के साथ थाना जामनेर में आकर रिपोर्ट की, कि उक्त दिनांक को थाना उद्योग नगर कोटा शहर राजस्थान के अपराध क्रमांक 543 /14 धारा 363 ,366 376 भादवी एवं पाॅक्सो एक्ट के अपराधी बने सिंह पुत्र मोहर सिंह भील निवासी ग्राम बोरदा की तलाश एवं गिरफ्तारी हेतु राजस्थान पुलिस की ईमदाद में ग्राम बोरदा गया था। जैसे ही पुलिस बल के साथ गांव में आरोपी बने सिंह भील के घर के पास पहुंचे तो आरोपी बने सिंह भील व उसके साथ गांव के ही वीरम भील ,चैन सिंह भील , भगवान सिंह भील , हरि सिंह भील ,सरवन भील और 10 -15 अन्य लोग मिले उन्होंने आरोपी बने सिंह भील को गिरफ्तार करना चाहा तो सभी ने एक राय होकर कुल्हाड़ी,फारसी, लाठियां से पुलिस पार्टी पर जान से मारने की नीयत से हमला कर दिया और बनेसिंह भील कुल्हाड़ी से बीरम ने फारसी से आरक्षक धनराज के सिर में चोट पहुंचाई चैन सिंह भील ने आरक्षक चंद्र प्रकाश को कुल्हाड़ी सर में मेरी और सभी ने लाठी डंडों से पुलिस पार्टी पर जानलेवा हमला कर दिया।

सहायक उप निरीक्षक इस्लाम अली की सरवन भील और हरी सिंह भील ने लाठियां से मारपीट कर उनके स्टारों की पट्टियां  खींच ली एवं धनराज का मोबाइल सैमसंग जेड़ 1  लूट लिया एवं धर्मेंद्र को भी अभियुक्तगणों के साथ वालों ने लाठियां से मारपीट की और सभी लोगों ने शासकीय कार्य में बाधा डाली तथा ड्यूटी के दौरान पुलिस पार्टी पर जान से मारने की नीयत से घातक हथियारों से लैस होकर मारपीट की वह थाने पर अपने मोबाइल से फोन लगाने लगा तो सभी लोग उन्हें छोड़कर भाग गए। लूटे गए मोबाइल में धनराज ने सिम नंबर 9414662601 एवं 9530443087 लगी होना बताएं फिर वह सभी घायलों को लेकर थाने पर आया और रिपोर्ट कराई फरियादी की उक्त  रिपोर्ट पर से थाना जामनेर के अपराध क्रमांक 297 /2015 अंतर्गत धारा 307, 397, 341 ,353 ,332 भा. द. वि. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

विवेचना के दौरान घटनास्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया फरियादी आहत एवं साक्षीगण के कथन लेख किए गए आहतगण से उनकी पहनी हुई वर्दी जप्त की गई, आहतगण का मेडिकल परीक्षण कराया गया ।आरोपीगण को गिरफ्तार का गिरफ्तारी पंचनामे तैयार किए गये। एवं आरोपीगण से पूछताछ कर उनके धारा 27 साक्ष्य विधान के मेमोरेंडम लेख किए गए तथा मेमोरेंडम  लेख किये गये मेमोरेंडम में बतायें तथ्यों के आधार पर अभियुक्त गण से लाठी, कुल्हाड़ी ,फारसी जप्त की गई तथा प्रकरण में धारा 412 भा.द. वि. का इजाफा किया गया।

उक्त संपूर्ण विवेचना उपरांत आरोपी गण बनेसिंह , हरिसिंह ,भगवान सिंह चैन सिंह ,बीरम ,सरवन एवं मोकम के विरुद्ध अपराध धारा 307 ,353 ,332 ,397 ,341 एवं इजाफा धारा 412 भा. द. वि. में अभियोग पत्र संबंधित न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

प्रकरण सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय होने से प्रकरण विधिवत निराकरण हेतु माननीय सत्र न्यायालय को  कमिट किया गया जहां उक्त प्रकरण को विधिवत निराकरण हेतु सत्र न्यायालय  राघौगढ़ में दर्ज किया गया जो सत्र न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 38 /2019 शासन पुलिस जामनेर विरुद्ध बने सिंह  आदि पर दर्ज किया गया।
 
   प्रकरण में विचरण प्रारंभ किया गया ,न्यायालय द्वारा आरोपीगण के विरुद्ध आरोप विरचित कर प्रकरण में  साक्ष प्रारंभ की गई अभियोजन द्वारा प्रकरण के समर्थन में 12 साक्षी न्यायालय में परीक्षित करये एवं प्रकरण के समर्थन में 37 दस्तावेज न्यायालय में प्रदर्शित किये गये।

अभियोजन न्यायालय में अपने प्रकरण को संदेश से  परे प्रमाणित करने में सफल रहा न्यायालय द्वारा आरोपी बनेसिंह पुत्र मोहर सिंह भील निवासी ग्राम बोरदा थाना जामनेर जिला गुना मध्य प्रदेश को धारा 307/ 34 आहत धनराज ,चंद्र प्रकाश एवं इस्लाम अली के संबंध में दोषी पाते हुए प्रत्येक आहत के लिए पांच पांच वर्ष का सश्रम कारावास एवं प्रत्येक आहत के लिए 2000-2000 के अर्थ दंड से दंडित किया एवं धारा 332 /34 में आहत धनराज ,चंद्र प्रकाश एवं इस्लाम अली  में प्रत्येक आहत के संबंध में दो-दो वर्ष के सश्रम कारावास  एवं प्रत्येक आहत के संबंध में 2000-2000 के अर्थदंड से दंडित किया गया शेष आरोपीगण को संदेह का लाभ दिया जाकर न्यायालय द्वारा दोषमुक्त कर दिया गया प्रकरण में शासन की और से राकेश व्यास अपर लोको अभियोजक राघौगढ़ द्वारा पैरवी की गई।

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